गोरखपुर के सिविल कोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश पुलिस के बजाय उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UP-SSF) के जवानों द्वारा संभाली जाएगी। यह महत्वपूर्ण कदम आज से लागू हो गया है, जिससे सिविल कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा दी जाएगी।
अब तक सिविल कोर्ट परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस पर थी, लेकिन हाल में लिये निर्णय के अनुसार, सुरक्षा की जिम्मेदारी UP-SSF को सौंप दी गई है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य कोर्ट परिसर की सुरक्षा को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाना है, ताकि कोर्ट में कार्यरत सभी लोगों और वहां आने-जाने वाले लोगों को बेहतर सुरक्षा मिल सके।
कोर्ट परिसर की सुरक्षा में नया युग
आज सुबह इस बदलाव का औपचारिक उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में द्वितीय बटालियन UP-SSF के सेनानायक देवेंद्र भूषण, डिस्ट्रिक्ट जज तेज प्रताप तिवारी और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु पाण्डेय ने हिस्सा लिया। इस मौके पर तीनों चीफ गेस्ट ने इस कदम को महत्वपूर्ण बताते हुए कोर्ट परिसर की सुरक्षा में नए युग की शुरुआत की घोषणा की।
UP-SSF द्वितीय बटालियन के सेनानायक देवेंद्र भूषण ने उद्घाटन के दौरान बताया कि हम सिविल कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सजग हैं और हम सभी सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेंगे। हमारे जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे और सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।”
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु पाण्डेय ने बताया कि UP-SSF की नियुक्ति से सिविल कोर्ट की सुरक्षा में सुधार होगा। हमें उम्मीद है कि इससे कोर्ट परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी और सभी कर्मचारियों, वकीलों और कोर्ट में आने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिलेगा।”
74 विशेष प्रशिक्षित जवान तैनात
नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत, सिविल कोर्ट परिसर में 74 विशेष रूप से प्रशिक्षित जवान तैनात किए जाएंगे। ये जवान अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस होंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम हो सकें। इस बदलाव से न्यायालय परिसर की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस प्रकार, गोरखपुर की दीवानी न्यायालय में सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देने के इस कदम से सभी को सुरक्षा की नई उम्मीदें हैं।