दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उन्हें गिरफ़्तार करने के लिए उनके घर पहुंची है। ख़ान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “मेरे घर अभी ईडी के लोग मुझे गिरफ़्तार करने के लिए पहुंचे हैं।”
ख़ान का आरोप: “तानाशाही के इशारे पर कार्रवाई”
अमानतुल्लाह ख़ान ने एक अन्य पोस्ट में अपना वीडियो साझा करते हुए लिखा, “अभी सुबह-सुबह तानाशाह के इशारे पर उनकी कठपुतली ईडी मेरे घर पर पहुंच चुकी है। मुझे और आप नेताओं को परेशान करने में तानाशाह कोई कसर नहीं छोड़ रहा। क्या ईमानदारी से अवाम की ख़िदमत करना गुनाह है? आख़िर ये तानाशाही कब तक?”
आप नेताओं की प्रतिक्रिया
इस मामले पर आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अमानतुल्लाह ख़ान के पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा, “ईडी का बस यही काम रह गया है। बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के ख़िलाफ़ उठने वाली हर आवाज़ को दबा दो, तोड़ दो। जो टूटे नहीं, दबे नहीं, उसे गिरफ़्तार करके जेल में डाल दो।”
आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “ईडी की निर्दयता देखिए। अमानतुल्लाह ख़ान पहले ईडी की जांच में शामिल हुए, उनसे आगे के लिए समय भी मांगा। उनकी सास को कैंसर है और उनका ऑपरेशन हुआ है। बावजूद इसके, ईडी उनके घर पर सुबह-सुबह धावा बोलने पहुंच गई।”
संजय सिंह ने आगे कहा, “अमानतुल्लाह ख़ान के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं हैं, लेकिन मोदी की तानाशाही और ईडी की गुंडागर्दी दोनों जारी हैं।”
मामले का राजनीतिक संदर्भ
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस कार्रवाई को “तानाशाही” और “गुंडागर्दी” करार देते हुए इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और ईडी का उद्देश्य आप नेताओं को डराने और दबाव में लाने का है।
निष्कर्ष: क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध है?
यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि विपक्षी दलों के नेताओं को लगातार जांच एजेंसियों के निशाने पर लिया जा रहा है। अब देखना होगा कि ईडी की इस कार्रवाई का अगला कदम क्या होगा और क्या इससे अमानतुल्लाह ख़ान पर लगाए गए आरोपों की सच्चाई सामने आ सकेगी।