गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की इमरजेंसी वार्ड में बुधवार की रात हंगामे की स्थिति बन गई जब इलाज के लिए आए एक मरीज को दिनभर टहलाने के बाद रेफर कर दिया गया। परिजनों के विरोध और पुलिस बुलाने पर भी कोई समाधान नहीं निकला, लेकिन सांसद रवि किशन और सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ला के हस्तक्षेप के बाद मरीज को रात 10 बजे भर्ती किया गया। इससे पहले मरीज को बिना उचित इलाज के रेफर कर दिया गया था, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।
चार दिन पुरानी चोट ने बढ़ाई परेशानी, डॉक्टरों ने बेड की कमी का दिया हवाला
मामला प्रमोद कुमार गुप्ता (37) का है, जो मोहम्मदपुर माफी के निवासी हैं। चार दिन पहले घर पर काम करते समय उनके पैर में चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय मेडिकल स्टोर से दवा और ड्रेसिंग कराई। लेकिन बुधवार को अचानक उनके पैर में तेज दर्द शुरू हो गया, जिस पर परिवार ने सुबह 10 बजे उन्हें AIIMS की इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराने की कोशिश की। लेकिन डॉक्टरों ने बेड खाली न होने का बहाना देकर भर्ती करने से इनकार कर दिया।
डॉक्टरों की अनदेखी और परिजनों का आक्रोश
जब प्रमोद की बहन ने इस लापरवाही पर विरोध जताया, तो डॉक्टरों ने न केवल पर्चा बनाने में देरी की बल्कि उनके साथ बदतमीजी भी की। काफी निवेदन के बाद पर्चा सुबह 11 बजे तैयार हुआ, लेकिन प्रमोद को डेढ़ घंटे तक स्ट्रेचर पर छोड़ दिया गया। इस बीच कोई इलाज शुरू नहीं हुआ। परिजनों ने जब स्थानीय सांसद रवि किशन के पीआरओ पवन दुबे से शिकायत की, तब जाकर मामला थोड़ा आगे बढ़ा, लेकिन इलाज अब भी नहीं मिल सका।
रात में रेफर, फिर हंगामा
शाम 8 बजे डॉक्टरों ने फिर से बेड न होने और सीनियर डॉक्टर की अनुपस्थिति का हवाला देकर मरीज को रेफर कर दिया। इस निर्णय से नाराज परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिस को भी बुला लिया। स्थिति तब काबू में आई जब सांसद रवि किशन और विधायक प्रदीप शुक्ला ने मामले में हस्तक्षेप किया, जिसके बाद रात 10 बजे मरीज को अंततः भर्ती कर लिया गया।
AIIMS गोरखपुर की सेवाओं पर उठे सवाल
इस घटना ने AIIMS गोरखपुर की इमरजेंसी सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरीज के परिवार का आरोप है कि पूरे दिन इलाज के नाम पर उन्हें केवल टहलाया गया और बेड की कमी का बहाना बनाकर सही इलाज नहीं मिला। अंततः सांसद और विधायक के हस्तक्षेप के बाद ही मरीज को इलाज मिल सका, जो कि अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।