गोरखपुर में शनिवार को दशहरा के अवसर पर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भक्ति, आस्था और भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला। भोजपुरी गानों की धुन पर झूमते लोग, आंखों में नम आंसू, और आसमान में उड़ते रंग-गुलाल ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। डीजे पर भक्ति गीतों पर थिरकते युवा और महिलाएं पूरे दिनभर शहर के अलग-अलग हिस्सों में दुर्गा प्रतिमाओं की विदाई के दौरान दिखे।
सुबह से शुरू हुआ विसर्जन का सिलसिला
सुबह से ही राप्ती नदी के तट पर प्रतिमाओं के विसर्जन का क्रम शुरू हो गया था, लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलता गया, उत्सव की रफ्तार बढ़ती गई। शहर के प्रमुख मार्गों पर मेले जैसा माहौल दिखने लगा। छोटी प्रतिमाओं को रामघाट के कृतिम तालाब में विसर्जित किया गया, जबकि बड़ी प्रतिमाओं को बाघागाड़ा में विसर्जित किया गया।
राघव-शक्ति मिलन का विशेष आयोजन
दोपहर 4 बजे सबसे पहले दुर्गा बाड़ी में स्थापित प्रतिमा विसर्जन के लिए निकली। इसके बाद, 162 वर्षों से चल रही बर्डघाट रामलीला की परंपरा के अनुसार श्रीराम, माता जानकी और हनुमान जी से बसंतपुर में शक्ति मिलन चौक पर दुर्गा प्रतिमा का राघव-शक्ति मिलन कराया गया। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद शहरभर की प्रतिमाओं का विसर्जन आरंभ हो गया।
4 हजार से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन
गोरखपुर में लगभग 4 हजार दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन रामघाट और बाघागाड़ा तालाबों में किया गया। जैसे ही शाम ढलने लगी, विसर्जन यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु मां दुर्गा को विदाई देने पहुंचे। मंगलगीतों और भक्ति संगीत के बीच लोग भावुक होकर मां से अगले साल जल्दी लौटने की प्रार्थना कर रहे थे।
शहर में निकाले गए जुलूस
शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन से पहले जुलूस निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर मिला। आयोजन समितियों द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं, और यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा।
प्रशासन की विशेष तैयारी
पूरे विसर्जन मार्ग पर सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। देर शाम को गोरखपुर के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी सड़कों पर उतरकर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। रामघाट पर नगर निगम की ओर से लाइटिंग, सफाई और पेयजल जैसी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया था।
मां दुर्गा के विसर्जन के साथ ही गोरखपुर में दशहरे का यह अनूठा पर्व संपन्न हुआ, जहां भक्ति और आस्था के साथ भावनाओं का संगम देखने को मिला।