गोरखपुर में नवरात्रि की नवमी तिथि पर आज शुक्रवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन किया जाएगा। इस अनुष्ठान के माध्यम से मुख्यमंत्री मातृ शक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। वहीं, शनिवार को विजयादशमी के दिन गुरु गोरक्षनाथ की विशेष पूजा के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसका नेतृत्व खुद गोरक्षपीठाधीश्वर करेंगे।
महानिशा पूजन और हवन संपन्न
गुरुवार रात को नवरात्रि की अष्टमी तिथि के अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने विधि-विधान से महानिशा पूजन और हवन कर लोक कल्याण की कामना की। आज सुबह 11 बजे से नौ कन्याओं का पूजन होगा, जो देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधिपूर्वक इन कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पर तिलक करेंगे और भोजन कराकर दक्षिणा व उपहार भेंट करेंगे।
विजयादशमी शोभायात्रा का ऐतिहासिक महत्व
गोरखपुर में विजयादशमी शोभायात्रा एक विशेष आकर्षण है, जिसमें गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाती है। यह परंपरा गोरखपुर की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और इसमें हर वर्ग के लोग भाग लेते हैं। खास बात यह है कि मुस्लिम समाज के लोग भी इस शोभायात्रा का भव्य स्वागत करते हैं। तीन पीढ़ियों से शोभायात्रा का स्वागत कर रहे चौधरी कैफुलवरा बताते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विशेष उत्साह के साथ इस शोभायात्रा का इंतजार करते हैं।
संतों की अदालत और गोरक्षपीठाधीश्वर की न्यायिक भूमिका
विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में संतों की अदालत भी लगती है, जहां गोरक्षपीठाधीश्वर दंडाधिकारी के रूप में संतों के विवादों का निस्तारण करते हैं। नाथपंथ की परंपरा के तहत इस दिन ‘पात्र पूजा’ भी होती है, जिसमें संत समाज के लोग गोरक्षपीठाधीश्वर की पूजा करते हैं और उनके समक्ष अपने विवादों का समाधान पाते हैं।
नाथपंथ की परंपरा और मुख्यमंत्री का दायित्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था ‘अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा’ के अध्यक्ष भी हैं। इस पद पर रहते हुए वह विजयादशमी के अवसर पर संत समाज में अनुशासन बनाए रखने और विवादों का निपटारा करते हैं।