गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में सख्त निगरानी के बाद मरीज माफिया ने अपनी चालें बदल ली हैं। अब ये माफिया संविदा कर्मचारियों और गार्ड्स की मिलीभगत से मरीज़ों को निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से भेज रहे हैं। बेतियाहाता और तारामंडल जैसे इलाके इस अवैध धंधे का नया केंद्र बन गए हैं।
बिहार से आने वाली एंबुलेंस पहले ही करती हैं रेट तय
बिहार से रोजाना 50 से ज्यादा एंबुलेंस और निजी गाड़ियां मरीज़ों को लेकर गोरखपुर पहुंच रही हैं। एंबुलेंस चालक पहले से ही मरीज़ों के लिए निजी अस्पतालों में फीस तय कर लेते हैं। कुछ प्राइवेट अस्पतालों ने तो बिहार में अपनी एंबुलेंस सेवाएं भी शुरू कर दी हैं। मेडिकल कॉलेज रोड पर स्थित एक अस्पताल ने बिहार के कई जिलों में 10 एंबुलेंस तैनात कर दी हैं।
CCTV और सख्ती के बावजूद माफिया का धंधा बरकरार
BRD मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा बढ़ाने के बावजूद माफिया ने नए तरीके खोज निकाले हैं। दो मुख्य प्रवेश द्वारों पर CCTV कैमरे होने के बावजूद माफिया एक छोटे रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं, जहां से केवल दो पहिया वाहन ही प्रवेश कर सकते हैं। इन रास्तों से मरीज़ों को गाड़ियों में भरकर निजी अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है।
इस अवैध धंधे के कारण चिकित्सा सेवाओं पर गंभीर असर पड़ रहा है, और प्रशासन इसे रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है। लेकिन माफियाओं की नई चालें प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।