गोरखपुर में सिपाही पंकज कुमार और डॉक्टर अनुज सरकारी के बीच हुई मारपीट के मामले में पुलिस की एकतरफा कार्रवाई के चलते मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय अधिकार सेना के अध्यक्ष रिटायर्ड IPS अमिताभ ठाकुर ने पुलिस को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर तीन दिनों के भीतर डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज नहीं हुआ, तो वे कैंट थाना के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। बावजूद इसके, गोरखपुर पुलिस डॉक्टर की पहुंच के आगे झुकी हुई नज़र आ रही है।
अधिवक्ताओं ने कोर्ट में दी अर्जी, सुनवाई 15 अक्टूबर को
डॉक्टर पर केस दर्ज कराने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने बुधवार को कोर्ट में बीएनएस 175 (3) के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इस पर सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने कैंट पुलिस से मामले की रिपोर्ट तलब की थी, जिसे पुलिस तैयार कर रही है और सुनवाई के दिन कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद ही मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।
डॉक्टर की संपत्तियों पर ED जांच की मांग
डॉक्टर अनुज सरकारी के खिलाफ लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को भाजपा MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक को पत्र लिखकर डॉक्टर और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच की मांग की। पत्र में उल्लेख किया गया है कि डॉक्टर अनुज द्वारा संचालित गैस्ट्रो लीवर हॉस्पिटल में मरीजों से मनमानी फीस वसूली जा रही है, और उनके परिवार के पास 200 करोड़ से अधिक की अचल संपत्तियां हैं, जो टैक्स चोरी से अर्जित की गई हैं।
सिपाही पर केस दर्ज, लेकिन डॉक्टर पर नहीं
घटना 3 अक्टूबर की है, जब बलिया के निलंबित सिपाही पंकज कुमार अपनी पत्नी की रिपोर्ट दिखाने डॉक्टर अनुज सरकारी के पास आए थे। अल्ट्रासाउंड की फीस को लेकर विवाद हुआ और हॉस्पिटल स्टाफ ने सिपाही को मारपीट कर घायल कर दिया। अगले दिन 4 अक्टूबर को सिपाही पंकज ने डॉक्टर अनुज पर हथौड़े से हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, सिपाही की पत्नी द्वारा डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इसके चलते कई संगठन और स्थानीय लोग सिपाही को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।