देश के कई राज्यों के छात्र राजधानी दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है। इन छात्रों को साल भर में एक बार ही कोचिंग संस्थाओं से लंबी छुट्टी मिलती है। तभी वह अपने घर जा पाते हैं, लेकिन दीपावली और छठ के त्योहार के चलते ट्रेनों में ‘नो रूम’ और ‘रिग्रेट’ जैसे हालात हो गए हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों के है। कई ट्रेनों में 24 अक्तूबर से आठ नवंबर तक नो रूम जैसे हालत बने हुए है।
अधिकांश ट्रेनें फुल
राजधानी दिल्ली से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के लिए जाने वाली अधिकांश ट्रेनें फुल हो गई है। इन ट्रेनों में स्लीपर क्लास की वेटिंग 200 तक पहुंच गई है। जबकि फर्स्ट और सेकेंड एसी में नो रूम या रिग्रेट की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड जाने वाली ट्रेनों की भी यहीं स्थिति है। मुंबई और मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जाने वाली ट्रेनों में टिकट रूटीन की ट्रेनों में नहीं मिल रहा है,लेकिन कुछ स्पेशल ट्रेनों में अभी स्लीपर श्रेणी में कम वेटिंग बनी हुई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि, ट्रेनों में वेटिंग को देखते हुए रेल मंत्रालय स्पेशल और फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन चला रहा है। जिन रूटों पर ज्यादा वेटिंग है, वहां भी यात्रियों को राहत देने का प्रयास कर रहे हैं। कई राज्यों के लिए अभी स्पेशल ट्रेनें जल्द शुरू की जाएगी।
अभी कई छात्र परेशान
अमर उजाला से चर्चा में छात्रों का कहना है कि, कोचिंग संस्थान की छुट्टियां 26 अक्तूबर से लग रही हैं। कोचिंग संस्थान सालभर में एक बार ही दीपावली और छठ पर लंबी छुट्टियां देता है। लेकिन अभी कई छात्र परेशान हैं। यूपी और बिहार जाने वाली ट्रेनों में फिलहाल रूम जैसे हालात बने हुए हैं। जिन छात्र-छात्राओं ने अभी तक कंफर्म टिकट नहीं लिया है, वे सब तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट के ही भरोसे हैं। हालांकि, इससे भी छात्रों को मदद नहीं मिलती है। आखिरी में परेशान होकर फिर हमें बसों के जरिए ही यात्रा करनी पड़ती है। बसों का दोगुना किराया चुकाना पड़ता है।
छात्रों का कहना है कि, कोचिंग क्लासेस की छुट्टियां 27 से लगने जा रही है। लेकिन 28 से ट्रेनों में सीट उपलब्ध नहीं है। तत्काल टिकट बुक करने के लिए एजेंट भी ज्यादा पैसे वसूल रहे है। 24 से 27 अक्तूबर तक टिकट आसानी से उपलब्ध हो रही है। क्योंकि उस दिन ट्रेनों में भीड़ कम है। अगर हम 24 से 26 अक्तूबर की टिकट बुक करते है तो हमारी क्लास का नुकसान होता है। एक से दो दिन की क्लास छूट जाएगी। लेकिन कंफर्म टिकट के चलते हमें यह कदम भी उठाना पड़ रहा है।
छात्रों का कहना है कि, रेलवे ने वेटिंग टिकट होने पर ट्रेनों के एसी और स्लीपर कोच में एंट्री रोक दी है। इससे भी हमारी दिक्कतें बढ़ गई हैं। जहां पहले दोस्त के टिकट कंफर्म होने पर हम वेटिंग टिकट पर उसके साथ सफर कर लेते थे। लेकिन अब वेटिंग टिकट ये भी नही कर पाएंगे।
रूटीन गाड़ियां है फूल, स्पेशल में किराया ज्यादा स्लीपर नहीं
दिल्ली से बिहार,यूपी और झारखंड जाने वाली रूटीन ट्रेनों में सीट नहीं है। वहीं स्पेशल ट्रेनों में अधिकांश फुल हो गई है। कुछ स्पेशल ट्रेनों में केवल सेकंड एसी और फर्स्ट एसी के टिकट उपलब्ध हैं। लेकिन इनका किराया बहुत ही ज्यादा है। जबकि राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जाने वाली ट्रेनों में फिलहाल वेटिंग कम है। स्पेशल ट्रेनों में स्लीपर श्रेणी में टिकट उपलब्ध है। इसके अलावा गुजरात और छत्तीसगढ़ जाने वाली ट्रेनों में अभी भी सीट आसानी से मिल रही है। जबकि पूर्वोत्तर,पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत जाने वाली ट्रेनों में भी वेटिंग कम है।