बहराइच, उत्तर प्रदेश, एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गया है। रविवार और सोमवार को जिले में जमकर हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। उपद्रवियों ने बाइक शोरूम, अस्पताल और कई घरों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक घटना के दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश की, जिसमें जिले की कप्तान आईपीएस वृंदा शुक्ला ने खुद मोर्चा संभाला और उपद्रवियों का डटकर सामना किया। उनकी इस बहादुरी के चलते वो एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इससे पहले उन्होंने मुख्तार अंसारी की बहू की गिरफ्तारी कर काफी चर्चा बटोरी थी।
कैसे भड़की हिंसा?
बहराइच के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार को गाने को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान दो समुदाय आमने-सामने आ गए, और पथराव शुरू हो गया। दूसरे समुदाय के कुछ युवकों ने दुर्गा प्रतिमा खंडित कर दी, जिसके बाद पूजा समिति ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि इसी बीच रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक को घर के अंदर घसीटकर उसकी पिटाई की गई और गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद इलाके में भारी बवाल शुरू हो गया, जिसमें कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं।
आईपीएस वृंदा शुक्ला का साहस
जिले की एसपी वृंदा शुक्ला ने खुद मोर्चा संभालते हुए हालात को काबू में किया। उन्होंने उपद्रवियों से सीधा सामना किया और इलाके में शांति बहाल करने की कोशिशों में जुटीं। उनकी इस कार्यवाही में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने भी उनका साथ दिया।
कौन हैं आईपीएस वृंदा शुक्ला?
वृंदा शुक्ला, 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और मूल रूप से हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली हैं। उनकी शिक्षा पंचकूला और पुणे के प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई है। इसके बाद उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। कुछ समय तक अमेरिका की एक कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में सफल होकर आईपीएस बनीं। शुरुआत में उन्हें नागालैंड कैडर मिला, लेकिन 2022 में उनका ट्रांसफर उत्तर प्रदेश कैडर में हो गया।
मुख्तार अंसारी की बहू की गिरफ्तारी से चर्चा में आईं
वृंदा शुक्ला का नाम तब चर्चा में आया, जब उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी की बहू निकहत को चित्रकूट जेल में गिरफ्तार किया। निकहत पर जेल में अब्बास अंसारी से अनधिकृत मुलाकात और मोबाइल रखने का आरोप था। वृंदा शुक्ला ने जिलाधिकारी अभिषेक आनंद के साथ मिलकर जेल में छापा मारा और निकहत को गिरफ्तार किया।
अब बहराइच हिंसा में अपनी निडरता और बहादुरी से उन्होंने फिर से खुद को साबित किया है, और वो एक बार फिर सुर्खियों में हैं।