अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) गोरखपुर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने डेंगू और चिकनगुनिया पर नियंत्रण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NCVBDC) के तहत AIIMS गोरखपुर को प्रदेश की तीसरी एपेक्स लैब की मान्यता मिली है, जो इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने वाली साबित होगी।
पूर्वांचल के लिए बड़ी सौगात, डेंगू-चिकनगुनिया की जांच में मिलेगी नई रफ्तार
AIIMS गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह लैब पूर्वांचल के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। अब डेंगू और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों की जांच के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं यहीं उपलब्ध होंगी। इस लैब में मॉलिक्यूलर जांच, वायरस के स्ट्रेन की पहचान और म्यूटेशन का विश्लेषण किया जा सकेगा, जो पहले केवल लखनऊ के KGMU और SGPGI जैसे बड़े संस्थानों में ही संभव था।
डेंगू-चिकनगुनिया की रोकथाम में मिलेगा नया हथियार
पूर्वांचल में हर साल डेंगू और चिकनगुनिया से हजारों लोग प्रभावित होते हैं, और इन बीमारियों का सही समय पर इलाज न होने के कारण स्थिति गंभीर हो जाती है। यह एपेक्स लैब डेंगू-चिकनगुनिया के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम साबित होगी। यहां वायरस के म्यूटेशन और स्ट्रेन की सटीक पहचान की जाएगी, जिससे उपचार को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ होगा सहयोग, शोध और रोकथाम को मिलेगी नई दिशा
इस अत्याधुनिक लैब का संचालन SGPGI और KGMU जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर किया जाएगा। इससे न केवल डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज और रोकथाम पर शोध को बल मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार की उम्मीद है। यह कदम पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को ऊंचा उठाने और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया युग शुरू
AIIMS गोरखपुर की यह एपेक्स लैब डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक नया हथियार है, जिससे न केवल जांच प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि समय रहते इलाज में भी सुधार आएगा। पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक पहल है, जो हजारों लोगों को राहत दिलाने में मील का पत्थर साबित होगी।