गोरखपुर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने 49 करोड़ रुपये की विशेष योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, शहर के सभी पार्किंग स्थलों पर डस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा ताकि हवा में धूल-कणों पर नियंत्रण किया जा सके। इसके साथ ही, खाली पड़ी जमीनों पर मियावाकी तकनीक से छोटे जंगल तैयार किए जाएंगे, जो न केवल हरियाली बढ़ाएंगे, बल्कि वायु की गुणवत्ता को भी सुधारेंगे।
77.75 करोड़ की परियोजना को मंजूरी
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत गोरखपुर में 77.75 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इनमें 12 प्रमुख विकास कार्य शामिल हैं, जैसे डस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना और मियावाकी तकनीक से मिनी जंगल तैयार करना। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य शहर को स्वच्छ और हरित बनाना है।
एकला बंधे को मिलेगा ग्रीन कवर
एकला बंधे को इस योजना के तहत विशेष ग्रीन कवर प्रदान किया जाएगा, जिससे इलाके में धूल और कचरे पर नियंत्रण होगा। इसके अलावा, लिगेसी साइट पर सड़क और लैंडस्केपिंग का कार्य भी शुरू होगा, जिससे शहर को एक नया रूप मिलेगा। ग्रीन कवर के कारण हवा में उड़ने वाले धूल-कणों पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है।
मोबाइल प्रदूषण टेस्टिंग वैन की तैनाती
शहर में प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए मोबाइल प्रदूषण टेस्टिंग वैन की तैनाती की जाएगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण की सही स्थिति की निगरानी की जा सकेगी। इससे प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान कर त्वरित कार्रवाई संभव हो पाएगी।
विकास कार्यों की सूची और बजट
1. एकला बंधे पर ग्रीन कवर और लैंडस्केपिंग: ₹5 करोड़
2. सुथनी में बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट: ₹15 करोड़
3. पार्किंग स्थलों पर डस्ट मैनेजमेंट सिस्टम: ₹5 करोड़
4. खाली जमीनों पर मियावाकी तकनीक से मिनी जंगल: ₹5 करोड़
5. मोबाइल प्रदूषण टेस्टिंग वैन: ₹0.75 करोड़
6. एयरपोर्ट रोड पर ग्रीन बेल्ट का विकास: ₹5 करोड़
गोरखपुर की हवा में सुधार की उम्मीद
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के अनुसार, ये परियोजनाएं गोरखपुर की वायु गुणवत्ता को सुधारने और हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।