आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली ज़िले में स्थित एक फार्मा कंपनी में हुए विस्फोट से 17 लोगों की जान चली गई, जिससे पीड़ित परिवारों में गम और गुस्से का माहौल है। हादसे के समय कंपनी में 381 कर्मचारी काम कर रहे थे, और घटना के बाद से मृतकों के परिवार अपने प्रियजनों के शवों की तलाश में अस्पतालों के बाहर इकट्ठा हैं।
किरणमयी की दर्द भरी कहानी
किरणमयी, इस हादसे में जान गंवाने वाले टेक्नीशियन वेंकट साई की छोटी बहन हैं। वो राखी बांधने के लिए अपने भाई के पास आई थीं, लेकिन उन्हें ज़्यादा समय नहीं मिल सका। उन्होंने बताया, “राखी के अगले दिन जब मैं उठी, तो भाई ऑफ़िस के लिए निकल चुके थे। मैंने उनका चेहरा तक नहीं देखा था।” उनके भाई वेंकट साई की मां भी गहरे दुख में हैं और कहती हैं, “भगवान ने हमारे साथ नाइंसाफ़ी की है। हम उसकी शादी के लिए लड़की देख रहे थे।”
अन्य पीड़ित परिवारों का दर्द
इस हादसे में कई अन्य परिवार भी अपने प्रियजनों के बारे में अनिश्चितता की स्थिति में हैं। सन्यासी राव की बेटी वसंती कहती हैं, “मरने वाले लोगों की सूची में मेरे पिता का नाम था, लेकिन ये लोग उनकी बॉडी हमें नहीं दिखा रहे हैं। मुझे नहीं पता कि अब वो ज़िंदा हैं भी या नहीं।”
चिन्ना राव की पत्नी लोवम्मा कहती हैं, “कल सुबह मेरे पति अपना लंच बॉक्स लेकर कंपनी गए थे, उसके बाद से अभी तक मैंने उन्हें नहीं देखा है।” ऐसे ही कई परिवार अपने परिजनों की तलाश में अस्पताल में बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
हादसे की वजह और जांच की मांग
आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता ने बताया कि यह हादसा सॉल्वेंट के रिसाव के कारण हुआ था। यह गैस पाइपलाइन के ज़रिए कंपनी में लगी एयर कंडीशनिंग सिस्टम में पहुंची और स्पार्क के कारण धमाका हो गया।
वहीं, अनाकापल्ली के विधायक कोनाथला रामकृष्ण ने कहा कि कंपनी का सुरक्षा ऑडिट कई सालों से नहीं हुआ था। गृह मंत्री ने कहा कि अब वे सुरक्षा ऑडिट कराने जा रही हैं ताकि यह पता चल सके कि कंपनी ने सुरक्षा मानकों का पालन किया या नहीं।
पिछले कुछ सालों में हुए हादसे
विशाखापट्टनम के विशेष आर्थिक क्षेत्र में पिछले 10 सालों में कई हादसे हुए हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है। इस हादसे ने फिर से सुरक्षा उपायों और ऑडिट की कमी को उजागर किया है, और पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और दोषियों को सज़ा मिल सके।