मुंबई: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण के मामले ने व्यापक विरोध को जन्म दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से दो सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में एफआईआर दर्ज करने में देरी का कारण, पीड़ित लड़कियों की स्थिति और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी शामिल होने की उम्मीद है।
घटना का विवरण: बदलापुर के आदर्श विद्यालय में पढ़ने वाली तीन और चार वर्ष की दो नाबालिग बच्चियों के साथ एक सफाईकर्मी द्वारा शारीरिक शोषण की घटना का खुलासा हुआ। घटना के बाद, बच्चियों ने अपने परिवार को जानकारी दी, जिसके बाद 18 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई गई।
प्रदर्शन और हिंसा: एफआईआर दर्ज होने के बाद, बच्चियों के अभिभावकों ने स्कूल के सामने एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पथराव किया। इसके चलते बदलापुर रेलवे स्टेशन पर भी विरोध प्रदर्शन हुआ, जिससे लोकल और लंबी दूरी की ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। रेलवे पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया: मामले की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुष्कर्म के प्रयास की धाराएं लागू करने का आदेश दिया है और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए एक महिला अधिकारी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी का नेतृत्व आइजी आरती सिंह करेंगी।
स्कूल प्रबंधन की कार्रवाई: मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्कूल प्रबंधन ने प्राचार्य, क्लास टीचर और एक महिला सहायक को निलंबित कर दिया है।
सरकारी कदम: राज्य सरकार ने प्रदर्शकारियों को जानकारी देने के लिए मंत्री गिरीश महाजन को बदलापुर भेजा। महाजन ने प्रदर्शनकारियों को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और पोक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज करने की जानकारी दी।
निष्कर्ष: बदलापुर में इस दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को बल्कि पूरे देश को हिला दिया है। एनएचआरसी, राज्य सरकार और अन्य सरकारी एजेंसियां इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही हैं।