हरियाणा के चरखी दादरी के बाढड़ा इलाके में 27 अगस्त को गोरक्षा से जुड़े कुछ लोगों द्वारा बंगाल के एक कूड़ा बीनने वाले मुस्लिम व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पीड़ित व्यक्ति का नाम साबिर मलिक था, जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले का रहने वाला था और अपने परिवार के साथ चरखी दादरी की झुग्गी में रहता था।
क्या हुआ था?
घटना की शुरुआत तब हुई जब गोरक्षा से जुड़े लोगों को एक बरतन में मांस का टुकड़ा मिला, जिसे उन्होंने बीफ़ होने का शक जताया। इसके बाद वे मुस्लिम बस्ती में पहुंचे और वहां के निवासियों से पूछताछ करने लगे।
इस दौरान, उन्होंने एक व्यक्ति शबरुद्दीन को पकड़ा और उससे मांस के टुकड़े के बारे में जानकारी मांगी। शबरुद्दीन ने इसे भैंस का मांस बताया और भागने की कोशिश की, लेकिन गोरक्षक दल ने उसे वापस पकड़ लिया और कैमरे के सामने कबूल करवाया कि यह बीफ़ है। इसके बाद उन्होंने साबिर मलिक को पकड़कर डंडों से पीटा, जिसका वीडियो 31 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
पुलिस कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
पुलिस ने 29 अगस्त को इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो नाबालिग़ हैं। पुलिस ने घटना का वीडियो सामने आने के बाद कार्रवाई की, और एफआईआर के अनुसार, साबिर मलिक का शव 27 अगस्त की रात भांडवा गांव के पास मिला। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है और मुआवजे का आश्वासन दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन इसे ‘मॉब लिंचिंग’ मानने से इनकार कर दिया। वहीं, कांग्रेस विधायक आफ़ताब अहमद और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है और इसे मानवता के लिए शर्मनाक बताया।
घटना के बाद का माहौल
घटना के बाद, झुग्गी में रहने वाले लोग डरे हुए हैं और दूसरी जगह जाने की योजना बना रहे हैं। पुलिस ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया है और घटना की जांच जारी है।
निष्कर्ष: घटना की गंभीरता और कानून व्यवस्था पर सवाल
यह घटना न केवल हरियाणा की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने और सांप्रदायिक सौहार्द को भी झकझोरती है। अब देखना यह होगा कि पुलिस की जांच और न्यायिक प्रक्रिया इस मामले में क्या निष्कर्ष निकालती है और क्या सच में गुनहगारों को सज़ा मिलती है।