नितेश राणे के बयान पर विपक्षी नेताओं और बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया, एफ़आईआर भी दर्ज
संक्षिप्त विवरण
महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक नितेश राणे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। इस बयान को लेकर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कड़ा विरोध जताया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने भी इस बयान की निंदा की है और कहा कि सार्वजनिक जीवन में ऐसे शब्दों का कोई स्थान नहीं है। नितेश राणे के खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी हैं।
वायरल वीडियो पर विवाद: क्या कहा नितेश राणे ने?
महाराष्ट्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक नितेश राणे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में राणे मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसने व्यापक विवाद को जन्म दिया है।
वीडियो के वायरल होने के बाद, एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने इसे एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया। पठान ने नितेश राणे पर अपने पूरे भाषण के दौरान मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया और इसे भड़काऊ बताया।
बीजेपी की प्रतिक्रिया: “निंदा करते हैं ऐसे शब्दों की”
इस मामले पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने एक समाचार चैनल से बातचीत में नितेश राणे के कहे शब्दों की निंदा की। उन्होंने कहा, “मैं उनके कहे शब्दों की निंदा करता हूं। ऐसे शब्दों का सार्वजनिक जीवन में कोई स्थान नहीं है। किसी भी राजनेता को ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए। जहां तक मुझे पता है, उनके खिलाफ दो एफ़आईआर दर्ज हो चुकी हैं।”
नितेश राणे की सफाई: “यह एक्शन का रिएक्शन था”
नितेश राणे ने अपने विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एएनआई से कहा, “वो (दूसरे समुदाय के लोग) बोल सकते हैं, लेकिन जब हम उसी भाषा में हिंदू समुदाय के समर्थन में उतरते हैं, तो हमसे क्यों सवाल किया जाता है? पुलिस और संविधान को अपना काम करने दीजिए।”
राणे ने आगे कहा, “हिंदू समुदाय के लोगों को क्यों धमकाया जाता है? कल दिया गया बयान (जिस पर विवाद हो रहा है) एक्शन का रिएक्शन था। मैंने यह बयान एक हिंदू होने के नाते दिया और यह सोचकर दिया कि हिंदू समाज को डरने की जरूरत नहीं है।”
विपक्ष का रुख: “नफरत भरे भाषण पर सख्त कार्रवाई हो”
विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने नितेश राणे के इस बयान की कड़ी निंदा की है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई नेताओं ने इसे धार्मिक भेदभाव फैलाने वाला और समाज में असहमति और विवाद को भड़काने वाला बताया है।
इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गर्मागर्म चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें विभिन्न दलों और संगठनों ने अपने-अपने विचार रखे हैं। मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई पुलिस और अदालत के निर्णय पर निर्भर करेगी।