एक सामान्य सुबह जो त्रासदी में बदल गई
शनिवार की सुबह बरेली के ग्रीन पार्क कॉलोनी में हमेशा की तरह शुरू हुई, लेकिन कुछ ही घंटों बाद एक दिल दहला देने वाली घटना ने इलाके को हिला कर रख दिया। 52 वर्षीय ठेकेदार आलोक तोमर और उनकी 45 वर्षीय पत्नी रितु का खून से सना शव उनके घर के एक कमरे में मिला। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।
संतानहीनता की पीड़ा
शादी के 20 साल बाद भी संतान न होने का दर्द, जो लंबे समय से आलोक और रितु के बीच एक घाव बन चुका था, अंततः इस दुखद घटना का कारण बन गया। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आलोक ने पहले अपनी पत्नी रितु के गले में पिस्टल से गोली मारी और फिर खुद को कनपटी पर गोली मार ली। यह घटना उस गहरे अवसाद और निराशा की कहानी बयां करती है, जो इस दंपती के जीवन का हिस्सा बन चुकी थी।
घटना का खुलासा कैसे हुआ
दोपहर एक बजे, जब घर की नौकरानी ममता की बेटियों ने दरवाजा खटखटाया और घंटी बजाई, तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इस बात की जानकारी जब ममता ने रितु की बड़ी बहन मधु राणा को दी, तो वे तुरंत वहां पहुंचीं। खिड़की की जाली हटाकर किसी तरह अंदर की चिटकनी खोली गई, और कमरे के भीतर का नजारा देखकर मधु राणा अवाक रह गईं। बेड पर रितु और आलोक के खून से सने शव पड़े थे।
आलोक के जीवन की त्रासदी
आलोक तोमर, जो बागपत के बड़े किसान परिवार से थे, पिछले कुछ समय से गहरे अवसाद में थे। उनके पिता की पहले मौत हो गई थी, और छोटे भाई की कोरोना महामारी में। इन दुखद घटनाओं ने आलोक को और भी अधिक हताश कर दिया था। परिवार के लिए हमेशा बड़े भाई जैसे रहे आलोक की जिंदगी में धीरे-धीरे निराशा ने अपनी जगह बना ली थी।
पुलिस की जांच और साक्ष्य
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि घटना के समय घर अंदर से बंद था, और प्रारंभिक जांच से यह प्रतीत होता है कि पहले रितु को गोली मारी गई और फिर आलोक ने खुद को गोली मार ली। पुलिस ने पिस्टल भी बरामद कर ली है और मोबाइल के जरिए जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
अंतिम विदाई और दर्दनाक दृश्य
जब आलोक के साढ़ू और कासगंज के सीओ सिटी विजय राणा मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने अपनी पत्नी मधु को फफक कर रोते हुए पाया। मधु वही थीं जिन्होंने सबसे पहले अपनी बहन और बहनोई को निर्जीव हालत में देखा था। कमरे का हाल देखकर विजय राणा भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। आलोक, जिन्हें विजय बड़े भाई की तरह मानते थे, उनके जीवन की इस दर्दनाक समाप्ति ने सभी को स्तब्ध कर दिया।
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि जीवन की चुनौतियों और अवसाद का सामना कैसे किया जाए, यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब वह हमारे अपनों की जान पर भारी पड़ जाए।