गोरखपुर में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। 11 नए उपकेंद्र बनाए जाएंगे और 10 मौजूदा उपकेंद्रों की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना पर कुल 1152 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे करीब डेढ़ लाख से अधिक घरों को निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी और उपकेंद्रों के ओवरलोड होने की समस्या भी समाप्त होगी।
भविष्य की मांग को देखते हुए बढ़ाया जाएगा नेटवर्क
महानगर में वर्ष 2035 तक की बिजली की संभावित मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बिजली निगम ने इसके लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी तैयार कर ली है। इसके तहत 11 नए उपकेंद्रों के निर्माण के साथ-साथ 10 उपकेंद्रों की क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
नए तार और ट्रांसफार्मर से मिलेगा लाभ
इस परियोजना के तहत पुराने तारों को हटाकर नए तार लगाए जाएंगे और ट्राली ट्रांसफार्मर की संख्या को 12 से बढ़ाकर 55 किया जाएगा। इन बदलावों के चलते न केवल बिजली की आपूर्ति निर्बाध रहेगी, बल्कि ओवरलोडिंग की समस्या भी दूर होगी।
स्मार्ट सिटी के लिए तैयार की गई योजना
गोरखपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले वर्षों में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह तैयारी की गई है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महानगर के निवासियों को एक स्थिर और निरंतर बिजली आपूर्ति प्रदान करना है।
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