मुख्य बिंदु:
- केजरीवाल का इस्तीफा: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
- आबकारी नीति में घोटाला: 2021 में लागू हुई नई आबकारी नीति को लेकर आप सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे।
- घोटाले की जांच: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कई अन्य नेताओं की गिरफ्तारी, मामले की जांच में CBI और ED की सक्रियता।
- भाजपा का हमला: भाजपा ने आप सरकार के घोटालों को लेकर जनता के बीच जागरूकता अभियान छेड़ने का फैसला किया।
क्या है आबकारी घोटाला?
आबकारी घोटाले की शुरुआत मार्च 2021 में हुई, जब दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की। इस नीति के तहत शराब बेचने का काम निजी कंपनियों को सौंपा गया, जिससे दिल्ली में शराब सस्ती हो गई। हालाँकि, इस नीति को लेकर बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लगे, जहां सरकार पर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया।
आरोपों के अनुसार, इस नीति के चलते सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। इसके बाद, तत्कालीन मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिससे इस मामले की गहराई से जांच शुरू हुई।
मामले की जांच और गिरफ्तारियां
- पहली गिरफ्तारी: 27 सितंबर 2022 को केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले विजय नायर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। इसके बाद कई अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया।
- सिसोदिया की गिरफ्तारी: 26 फरवरी 2023 को, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नौ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
- केजरीवाल की गिरफ्तारी: इस मामले में 21 मार्च 2024 को ईडी ने अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया, हालांकि उन्हें जमानत मिली।
भाजपा का पलटवार
केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे घर-घर जाकर आप सरकार के घोटालों के बारे में लोगों को जागरूक करें। भाजपा का आरोप है कि आप सरकार ने आबकारी घोटाले के अलावा, टैंकर घोटाले, मोहल्ला क्लीनिक और अन्य क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार किया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा हर चुनाव के लिए तैयार है और जनता को आप सरकार के कुशासन के बारे में जानकारी देने का अभियान छेड़ेगी।
निष्कर्ष
आबकारी घोटाले ने आम आदमी पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है। अब देखना होगा कि आप सरकार पर लगे घोटालों के आरोपों का राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पड़ेगा।