फिरोजाबाद। मंगलवार सुबह नौशहरा इलाके में हुए भीषण धमाके के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। विस्फोट से आधा दर्जन मकान पूरी तरह से ढह गए, जबकि एक दर्जन से ज्यादा मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए मौके पर चीख-पुकार मची रही, लेकिन प्रशासन की असमर्थता साफ नजर आई। मलबा हटाने के लिए आई जेसीबी का डीजल मात्र आधे घंटे में खत्म हो गया, जिससे राहत कार्य बाधित हो गया। घटनास्थल पर डीएम और एसएसपी 11 बजे पहुंचे।
विस्फोट से मची तबाही
विस्फोट इतना जोरदार था कि आसपास के कई मकान धराशायी हो गए। धमाके के बाद इलाके में कोहराम मच गया, लोग जान बचाने के लिए अपने घरों से भागे। मलबे के नीचे दबे अपनों को बचाने के लिए स्थानीय लोग पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाते रहे, लेकिन काफी देर तक कोई मदद नहीं पहुंची।
असहाय नजर आया प्रशासन
धमाके के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी हालात से निपटने में असमर्थ नजर आए। बचाव कार्य के लिए लाई गई दो जेसीबी में से एक का डीजल आधे घंटे में ही खत्म हो गया, जिससे मलबा हटाने का काम रुक गया। प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे, जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
घटना के बाद देर से पहुंची पुलिस
विस्फोट के बाद पुलिस और प्रशासन की धीमी प्रतिक्रिया से स्थानीय लोगों में नाराजगी थी। ग्रामीणों के मुताबिक, धमाके के करीब 20 मिनट बाद इंस्पेक्टर शिकोहाबाद और 40 मिनट बाद सीओ प्रवीण कुमार मौके पर पहुंचे, लेकिन उनके पास कोई ठोस योजना या साधन नहीं था। जेसीबी और हाइड्रा जैसी मशीनें भी देर से पहुंची, जिससे राहत कार्य में देरी हुई।
राहत कार्य में कमी
राहत कार्य सुबह 10:45 बजे शुरू हुए, लेकिन संसाधनों की भारी कमी थी। घटनास्थल पर सिर्फ दो जेसीबी लगाई गईं, जो इस बड़े हादसे के लिए अपर्याप्त थीं। एक जेसीबी का डीजल आधे घंटे में खत्म हो गया, जिससे राहत कार्य बाधित हो गया।
क्या-क्या हुआ
- 10:00 AM: विस्फोट हुआ।
- 10:20 AM: इंस्पेक्टर शिकोहाबाद पहुंचे।
- 10:40 AM: सीओ प्रवीण कुमार घटनास्थल पर पहुंचे।
- 10:45 AM: जेसीबी घटनास्थल पर पहुंची।
- 11:00 AM: डीएम और एसएसपी ने स्थिति का जायजा लिया।
- 12:00 PM: अब तक मलबे से 10 घायलों को निकाला गया।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
मलबे में दबे लोगों को निकालने में हो रही देरी से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। प्रशासन की सुस्ती और संसाधनों की कमी के कारण लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। घायलों को अस्पताल पहुंचाने में भी देरी हुई, क्योंकि एंबुलेंस भी देर से पहुंची।