गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बाढ़ का कहर जारी है। गोला से बड़हलगंज तक बाढ़ का पानी फैल गया है, जिससे दर्जनों गांवों में भारी तबाही मची है। लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं और नावों की व्यवस्था की है। 10 गांवों को मैरूंड घोषित किया गया है।
बाढ़ की स्थिति
सरयू और राप्ती नदियों के साथ ही आमी नदी ने इलाके में बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ दिया है। सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गई हैं और ग्रामीण सड़क किनारे शरण ले रहे हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का दावा किया है। राहत की बात यह है कि अयोध्या पुल पर सरयू नदी का जलस्तर आठ घंटे में एक सेंटीमीटर घटा है।
प्रभावित क्षेत्र
गोला क्षेत्र में सरयू, राप्ती, और कुआनो नदियों के बाढ़ ने 30 से ज्यादा गांवों को प्रभावित किया है। तहसील प्रशासन ने 10 गांवों को मैरूंड घोषित करते हुए सोलह नावें तैनात की हैं। प्रभावित गांवों में कुरावल बुजुर्ग, पटना, नेतवारपट्टी, कोलखास, ज्ञानकोल, और बगहा शामिल हैं।
सड़क और आवागमन पर असर
बाढ़ के पानी से संपर्क मार्ग भी प्रभावित हुए हैं, जिससे आवागमन में कठिनाई हो रही है। हरदी कसरवल मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है और डेरवा लखनौरी मार्ग पर भी पानी की लहरें सड़क को काट रही हैं। बगहा देवार और लखनौरी प्राथमिक विद्यालयों में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है।
राहत और बचाव कार्य
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और लोगों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से नावों की मांग की है और जलजमाव से राहत की उम्मीद की है। तहसीलदार आरके कनौजिया ने कहा कि नदियों की निगरानी की जा रही है और बाढ़ की स्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है।
आगे की स्थिति
बड़हलगंज कछार क्षेत्र में यह पांचवीं बार बाढ़ आई है। यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो और गांव भी बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। ग्रामीणों और प्रशासन को मिलकर इस संकट का समाधान निकालने की कोशिश करनी होगी।