मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में ज्ञानवापी पर दिया बड़ा बयान। बोले, ‘ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश लोग इसे मस्जिद कहते हैं।’
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने कहा, नाथ परंपरा ने हमेशा लोगों को जोड़ने का काम किया है।
- उन्होंने आदिशंकराचार्य की कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा ली थी।
- हिंदी दिवस पर सीएम ने हिंदी को देश की एकता की भाषा बताया और कहा कि संस्कृत इसका मूल है।
- मोदी सरकार के 10 सालों में हिंदी को हर स्तर पर बढ़ावा मिला है।
विस्तार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर में ज्ञानवापी को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ ही हैं, लेकिन आज लोग इसे मस्जिद कहते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में नाथपंथ पर आयोजित संगोष्ठी में यह बात कही। उन्होंने नाथ परंपरा के बारे में बताते हुए कहा कि यह परंपरा हमेशा से लोगों को जोड़ने का प्रयास करती आई है। इस दौरान उन्होंने आदिशंकराचार्य की कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा ली थी और उन्हें सच्चाई का अहसास कराया था।
योगी आदित्यनाथ ने हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी को देश की बड़ी आबादी को जोड़ने वाली भाषा बताया और कहा कि इसका मूल देववाणी संस्कृत से है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में हिंदी को हर स्तर पर बढ़ावा मिला है, जिसके परिणामस्वरूप मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम भी अब हिंदी में उपलब्ध हो रहे हैं।