गुरु द्रोणाचार्य की धरती व प्रदेश की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम की गुड़गांव विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले में भाजपा के बागी ने उतरकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं, भाजपा के परंपरागत वोटर भी खामोश है। ऐसे में पार्टी की बेचैनी बढ़ गई है।
गुड़गांव विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा ने युवा उम्मीदवार पहलवान मुकेश शर्मा को टिकट देकर सभी को चौंका दिया। इस सीट पर पंजाबी, जाट और बनिया समेत दर्जनों दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने मुकेश शर्मा पर दांव खेला। इससे नाराज कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी तो एक नवीन गोयल निर्दलीय ही चुनावी मैदान कूद पड़े।
इससे पार्टी को अपने वोट बिखरने की आशंका है। हाल ही में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी मंच से कहना पड़ा था कि नवीन पार्टी उम्मीदवार को समर्थन दे नहीं तो भाजपा में उनके लिए दरवाजे बंद हो जाएंगे। हालांकि इसके बाद भी नवीन गोयल पीछे नहीं हटे।
वहीं, कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े मोहित ग्रोवर को नामांकन से एक सप्ताह पहले पार्टी ज्वाइन कराकर टिकट थमा दिया, जबकि, टिकट की दौड़ में पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, राष्ट्रीय सचिव आशीष दुआ समेत 32 दावेदार थे।
पिछले चुनाव में भाजपा की तरफ से सुधीर सिंगला 81,953 वोट लेकर जीते थे और दूसरे स्थान पर निर्दलीय मोहित ग्रोवर को 48,638 व कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया को 23,126 वोट मिले थे। इस बार मोहित को उतार कांग्रेस ने पुराने अंदाज में पंजाबी कार्ड खेला है और भाजपा ने नया प्रयोग करते हुए ब्राह्मण को उतारा है।
गुड़गांव सीट पर साल 1967 से 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में कोई ब्राह्मण नेता विधायक नहीं बना है। हालांकि इस सीट पर भाजपा का दो विधानसभा चुनावों से दबदबा है।
सामाजिक कार्यकर्ता ऋषिपाल धनखड़ कहते हैं कि गुड़गांव सीट पर कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य किसी प्रमुख दल ने कभी भी ब्राह्मण को प्रत्याशी नहीं बनाया है। पहली बार भाजपा ने मुकेश शर्मा को मैदान में उतारा है। मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है, पर भाजपा के बागी नवीन गोयल ने समीकरण को थोड़ा उलझा दिया है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली थी बड़ी लीड…विकास को लेकर लोगों में नाराजगी
तीन महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में गुड़गांव से भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह और कांग्रेस से राज बब्बर चुनाव मैदान में थे। राव इंद्रजीत को इस विधानसभा हलके से 1,62,825 व कांग्रेस के राज बब्बर को सिर्फ 60,439 वोट मिले थे, लेकिन गुरुग्राम के लोगों मे विकास को लेकर नाराजगी है।
इसमें गुरुग्राम मेट्रो का दस साल में जमीनी स्तर पर काम नहीं होना, जिला अस्पताल व पुराने बस स्टैंड का निर्माण प्रमुख रूप से शामिल है। टूटी सड़कें, सीवर-पानी और साफ-सफाई का मुद्दा अहम है।
भाजपा ने हैट्रिक के लिए झोंकी ताकत
गुड़गांव सीट पर भाजपा जीत की हैट्रिक के लिए जोर लगा रही है। पिछले चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार सुधीर सिंगला, जबकि 2014 में उमेश अग्रवाल विजयी हुए थे। 2009 में निर्दलीय सुखबीर कटारिया ने बाजी मारी थी।