नई दिल्ली: यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्यस्थता की कोशिशों की सराहना की है। पुतिन ने कहा कि भारत, चीन, और ब्राजील इस संघर्ष को हल करने में ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन तीनों देशों के साथ रूस संपर्क में है और उम्मीद करता है कि वे इस जंग को रोकने में मदद करेंगे।
पुतिन का बयान और भारत की भूमिका
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। पुतिन ने इसे एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि भारत, चीन, और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं जो इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए ईमानदारी से कोशिश कर रहे हैं। पुतिन के अनुसार, ये देश संघर्ष समाधान में रुचि रखते हैं और उनके साथ रूस संपर्क में रहेगा।
मोदी की मध्यस्थता की कोशिशें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो महीनों के दौरान मॉस्को और कीव की यात्रा की है, जहाँ उन्होंने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की और संघर्ष को समाप्त करने की कोशिशें कीं। मोदी की इस पहल को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह एकमात्र ऐसे वैश्विक नेता हैं जिन्होंने दोनों पक्षों के साथ समान स्तर पर संपर्क किया है।
अन्य देशों की भूमिका
पुतिन ने चीन और ब्राजील का भी उल्लेख किया, लेकिन इन दोनों देशों के नेताओं ने अभी तक यूक्रेन की यात्रा नहीं की है। इसके विपरीत, भारतीय प्रधानमंत्री ने सक्रिय रूप से दोनों पक्षों के नेताओं से मुलाकात की है, जो इस मुद्दे पर भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
भारत की कूटनीतिक रणनीति
भारत ने हमेशा वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए प्रयास किए हैं। पुतिन के बयान से स्पष्ट है कि रूस को भारत पर भरोसा है और वह इसे एक संभावित मध्यस्थ के रूप में देख रहा है। इस जंग में भारत की बढ़ती भूमिका ने इसे एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी बना दिया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत की ये कोशिशें कितनी सफल होंगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन पुतिन की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि भारत की मध्यस्थता की कोशिशों को विश्व स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है।