पाकिस्तान में खुफिया एजेंसियों पर आरोप है कि वे सरकार और सेना की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और ब्लॉगर्स को अगवा कर रही है। लापता लोगों के परिजनों ने पंजाब प्रांत की अदालतों में इसके खिलाफ याचिका दायर की है।
खुफिया एजेंसियों पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पीटीआई पार्टी के दो सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं नसीम अहमद यासीन और अरसलान अकबर और ब्लॉगर-कॉमेडियन आंन खोसा को पंजाब प्रांत में गिरफ्तार किया। इनके परिवारों ने इन्हें ‘लापता’ घोषित किया है।
बिजली के बढ़ते दामों पर गाना गाने के लिए खोसा को अगवा करने को लेकर शहबाज शरीफ सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान को सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। खोसा ने अपने गाने ‘बिल-बिल पाकिस्तान’ में देश में बिजली बिलों और अतिरिक्त करों की आलोचना की थी। उन्होंने पाकिस्तानी पासपोर्ट और देश के कर्ज पर भी टिप्पणी की थी। उनके यूट्यूब पर 1.37 लाख फॉलोअर्स हैं।
लापता’ तीनों व्यक्तियों के परिजनों ने लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर शुक्रवार को कोर्ट ने पंजाब पुलिस को 20 अगस्त तक खोसा को वापस लाने का निर्देश दिया। खोसा की पत्नी बिनिश इकबाल ने कोर्ट को बताया कि कुछ अज्ञात लोग उनके घर में घुस आए थे और उनके पति को पीटते हुए एक वैन में डालकर ले गए।
वहीं, लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शकील अहमद ने पंजाब पुलिस को 28 अगस्त तक अरसलान अकबर को ढूंढने का निर्देश दिया। पीटीआई ने हाल के ‘जबरन गुमशुदगी’ के मामले चिंता जताई है। पीटीआई के पूर्व सोशल मीडिया प्रमुख अजहर मशवानी के भाई मझल-उल-हसन और जहूर-उल-हसन और शाहबाज गिल के भाई गुलाम शब्बीर भी पिछले साल जून से लापता हैं।
पीटीआई के एक अधिकारी ने कहा, इन पांच लोगों की लोकेशन का पता नहीं चल पाया है। जबकि उनके परिवार पुलिस औ अदालत से मदद मांग चुके हैं। यह जबरन गुमशुदगी का पैटर्न है, जिससे बाहर रह रहे लोगों को डराया जा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी पाकिस्तान से तुरंत इन लोगों की जानकारी देने और एक स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।