रूस की प्राइवेट आर्मी वागनर ग्रुप के प्रमुख रहे येवगेनी प्रिगोज़िन की मौत को 24 अगस्त 2024 को एक साल पूरा हो गया है। हालांकि, प्रिगोज़िन की मौत के बाद अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस ग्रुप से जुड़े भाड़े के सैनिकों का क्या हुआ, जो यूक्रेन, सीरिया, और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में सक्रिय थे।
वागनर ग्रुप का बिखराव और लड़ाकों का भविष्य
बीबीसी रूसी सेवा ने वागनर ग्रुप के पूर्व लड़ाकों और संबंधित व्यक्तियों से बात की। प्रिगोज़िन की प्लेन क्रैश में मौत और रूस के साथ हुए समझौते के बाद, इस ग्रुप के लड़ाकों का क्या हुआ, इस पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई। सितंबर 2023 में इस्तांबुल एयरपोर्ट पर चेक-इन काउंटर पर खड़ा एक युवक, जो वागनर ग्रुप का पूर्व लड़ाका था, लीबिया जाने की कोशिश कर रहा था। उसका उद्देश्य था कि किसी दूसरे अफ्रीकी देश में नई नौकरी मिल सके।
प्रिगोज़िन की मौत और वागनर ग्रुप के बिखराव की शुरुआत
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के दौरान वागनर ग्रुप के लड़ाकों की अहम भूमिका थी। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन में वागनर ग्रुप के करीब 50 हजार लड़ाके थे, जिनमें से 20 हजार की बखमूत में हुई लड़ाई के दौरान मौत हो गई। प्रिगोज़िन की मई 2023 में रूसी रक्षा मंत्रालय से नाराजगी के बाद, उसने अपने लड़ाकों को युद्ध के मोर्चे से वापस बुला लिया था।
प्रिगोज़िन की मौत के बाद लड़ाकों का अनिश्चित भविष्य
23 अगस्त 2023 को मॉस्को के उत्तरी इलाके में प्रिगोज़िन की प्राइवेट जेट क्रैश में मौत हो गई। इस हादसे में वागनर ग्रुप के कई और सदस्य भी मारे गए। रूस ने इस मामले में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया, लेकिन वागनर ग्रुप के लड़ाकों और अन्य संबंधित लोगों को इस पर भरोसा नहीं है।
अफ्रीका में वागनर ग्रुप की नई भूमिका
वागनर ग्रुप के कई लड़ाकों ने अफ्रीका में रहना चुना, जहां वे स्थानीय सरकारों को सैन्य सहायता मुहैया करा रहे हैं। इसके बदले में वे रणनीतिक प्राकृतिक संसाधनों पर नजर रख रहे हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने 2023 के अंत में अफ्रीकन कोर के लिए नियुक्ति संबंधी एलान किए थे, और वागनर ग्रुप से जुड़े कई लड़ाके अब रूस के रक्षा मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं।
चेचन्या और बेलारूस में वागनर ग्रुप की नई गतिविधियां
कई पूर्व वागनर लड़ाके चेचन्या में अखमत के स्पेशल फोर्स ग्रुप में शामिल हो गए हैं। हालांकि, बेलारूस में जाने वाले लड़ाकों की संख्या काफी कम है और वे वहां की सेना को ट्रेनिंग दे रहे हैं। वहीं, माली में वागनर के लड़ाकों के मारे जाने की खबरें भी आई हैं, लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
वागनर ग्रुप का भविष्य और प्रिगोज़िन की विरासत
प्रिगोज़िन के बेटे पावेल को अफ्रीका में अपने पिता की विरासत संभालने की अनुमति मिली है, बशर्ते इससे रूस के हित प्रभावित न हों। हालांकि, वागनर ग्रुप के लड़ाकों के भविष्य को लेकर अब भी कई सवाल बने हुए हैं, और यह स्पष्ट नहीं है कि अब उन्हें कौन काम पर रख रहा है।
वागनर ग्रुप के इस बिखराव और अनिश्चित भविष्य ने प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों के भविष्य और उनके द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।