इसराइली सेना ने लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इसराइल का कहना है कि ये कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई है और इसका उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना है। इसराइल ने हवाई हमलों से पहले लेबनान में हिज़बुल्लाह के इलाकों में रहने वाले नागरिकों को तुरंत इलाके खाली करने की चेतावनी दी थी।
इसराइली हवाई हमलों के जवाब में, हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और रॉकेट हमले किए हैं। हिज़बुल्लाह ने दावा किया है कि उसने 320 से अधिक कत्यूशा रॉकेट दागे, जिससे 11 इसराइली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा, हिज़बुल्लाह के वरिष्ठ सैन्य कमांडर के जुलाई में इसराइली हवाई हमले में मारे जाने के बाद यह प्रतिक्रिया आई है।
रविवार को पूरे उत्तरी इसराइल में रॉकेट हमलों की वजह से साइरन बज रहे हैं, हालांकि अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इसराइली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ़) ने बताया कि हिज़बुल्लाह की ओर से 150 रॉकेट इसराइली क्षेत्र की ओर दागे गए हैं।
प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा कैबिनेट की बैठक बुला ली है और इसराइल की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसराइल किसी भी तरह के हमले का कड़ा जवाब देगा और देश की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
नेतन्याहू ने कहा, “हमने अपने नागरिकों की सुरक्षा और उत्तरी क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। हम किसी भी धमकी का सामना करने के लिए तैयार हैं और हिज़बुल्लाह के हमलों का प्रभावी जवाब देंगे।”
इस बीच, हिज़बुल्लाह ने भी एक बयान में कहा कि इसराइल की ओर से की गई हाल की कार्रवाई के जवाब में ही उन्होंने यह हमला किया। हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया के मद्देनज़र, इसराइल में 48 घंटे के लिए इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। नेतन्याहू के कार्यालय ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री योआव गैलंट इस समय तेल अविव में आईडीएफ़ के सैन्य मुख्यालय से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
इस नए संघर्ष के दौरान, हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच तनाव बढ़ गया है, और यह स्थिति इसराइल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव और संघर्ष को दर्शाती है।