जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के बीच सीट बँटवारे पर सहमति बन गई है। इस समझौते के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा, सीपीआईएम और पैंथर्स पार्टी के लिए गठबंधन की ओर से एक-एक सीट छोड़ी गई है।
हालांकि, पाँच सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन सकी है, जिसके कारण इन सीटों पर दोस्ताना मुकाबला होगा।
सीट बँटवारे पर आम सहमति
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने कहा कि दोनों पार्टियाँ “एकता के सिद्धांतों को कायम रखने” के लिए इस आम सहमति पर पहुंची हैं। सोमवार को कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल और सलमान खुर्शीद ने स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ फ़ारूक़ अब्दुल्लाह के आवास पर कई घंटों तक बातचीत की, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल और एनसी नेता फ़ारूक़ अब्दुल्लाह के साथ इस समझौते की घोषणा की। उन्होंने कहा, “एनसी 51 सीटों पर और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पाँच सीटों पर दोस्ताना मुकाबले के लिए सहमति बनी है, जिन पर दोनों पार्टियाँ अनुशासित तरीके से चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा, दो सीटें सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी के लिए छोड़ी गई हैं।”
बीजेपी के खिलाफ एकजुटता
कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने इस अवसर पर कहा, “बीजेपी जम्मू-कश्मीर की आत्मा को नष्ट कर रही है। हमारे इंडिया ब्लॉक का उद्देश्य उसे बचाना है। यही कारण है कि एनसी और कांग्रेस एक ऐसी सरकार बनाने के लिए साथ आए हैं जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के अनुकूल हो। हम सरकार बनाएंगे और जम्मू-कश्मीर के लोगों को बचाएंगे।”
यह गठबंधन बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत चुनौती के रूप में उभरकर सामने आ रहा है, जो आने वाले चुनाव में जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।