लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने मंगलवार, 13 अगस्त को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति अत्ताउ रहमान मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह आदेश पारित किया। गुरुवार को आदेश की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
कोर्ट के आदेश के प्रमुख बिंदु:
- सभी मौजूदा चयन सूचियाँ रद्द कर दी गई हैं।
- नई चयन सूची को आरक्षण नियमावली 1994 के प्रावधानों के अनुसार तैयार किया जाएगा।
- यदि मौजूदा नौकरी में कार्यरत अभ्यर्थी प्रभावित होते हैं, तो उन्हें नौकरी से बाहर नहीं किया जाएगा।
- चयन सूची तैयार करते समय सेवा नियम, 1981 के परिशिष्ट-1 और आरक्षण अधिनियम, 1994 की धारा 3 (6) का पालन किया जाएगा।
- आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी में स्थानांतरित किया जा सकता है यदि उनकी योग्यता सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के बराबर हो।
- आदेश के मिलने की तारीख से तीन महीने के भीतर पूरी कवायद की जाएगी।
2018 में आयोजित हुई थी परीक्षा
साल 2018 में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने 69,000 शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। कुछ अभ्यर्थियों ने भर्ती नियमावली के पालन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिसके चलते कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
अमरेंद्र पटेल, जो कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए लंबे समय से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, ने इस फैसले का स्वागत किया है और सरकार से जल्द न्याय सुनिश्चित करने की अपील की है।