माता-पिता को पहले बताया गया कि बेटी बीमार है, फिर सुसाइड की सूचना मिली
9 अगस्त की सुबह, मृतका के माता-पिता को पहले फोन पर बताया गया कि उनकी बेटी बीमार है, और तुरंत मेडिकल कॉलेज आने को कहा गया। इसके कुछ ही मिनटों बाद, उन्हें दूसरा फोन आया जिसमें कहा गया कि उनकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है। यह घटनाक्रम सवालों के घेरे में है, और सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है।
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर उठे सवाल
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की सहयोगी डॉक्टर ने बताया कि सुसाइड की जानकारी पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के ऑफिस से दी गई थी। हॉस्पिटल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के ऑफिस से माता-पिता को रात 10:53 बजे फोन किया गया, और फिर सुसाइड की बात कही गई। इस मामले में संदीप घोष का नाम लगातार सवालों के घेरे में है।
माता-पिता को सूचित करने में 2 घंटे की देरी, पुलिस को देर से दी गई जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, मृतका के शव को सबसे पहले सुबह 9 बजे एक ट्रेनी डॉक्टर ने देखा और इसकी जानकारी सीनियर्स को दी। इसके बावजूद, माता-पिता को लगभग 2 घंटे बाद सूचित किया गया। इस दौरान, संदीप घोष ने एक मीटिंग बुलाई जिसमें दो अन्य डॉक्टर भी शामिल थे। इसके बाद ही पुलिस को सूचना दी गई।
संदीप घोष के इस्तीफे और नई नियुक्ति पर उठे सवाल
संदीप घोष ने घटना के कुछ दिन बाद प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन उन्हें जल्द ही कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया। इस कदम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्ष का आरोप है कि SIT का गठन इसलिए किया गया ताकि संदीप घोष सीबीआई के सामने राज न खोल सकें।
सीबीआई की लगातार पूछताछ, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
सीबीआई पिछले 6 दिनों से संदीप घोष से पूछताछ कर रही है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इस मामले की जांच में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है।