कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें पेश कीं। इस दौरान, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कई सवाल पूछे, वहीं सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी राज्य सरकार पर आरोप लगाए। आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ।
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की कि डॉक्टरों की सुरक्षा को सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों के मन में सुरक्षा का भरोसा होना चाहिए, और इसके लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने निर्देश दिया कि मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए, और डॉक्टर कल शाम तक काम पर लौटें।
कपिल सिब्बल की दलीलें
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई स्थिति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके जवाब में तुषार मेहता ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट की कॉपी सीबीआई को नहीं दी गई, जिससे राज्य सरकार पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया।
सीजेआई ने पूछे सवाल
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अप्राकृतिक मौत के मामले में स्पष्टीकरण मांगा। सिब्बल ने बताया कि डेथ सर्टिफिकेट 1:47 बजे तैयार किया गया और उसके बाद मामले की डायरी दर्ज की गई। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट 4:10 बजे पहुंचे और इंक्वेस्ट रिपोर्ट 4:40 बजे तक तैयार कर ली गई। सभी जांच की वीडियोग्राफी की गई थी।
सीसीटीवी फुटेज और जांच प्रक्रिया
सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि सीसीटीवी फुटेज, सभी सबूत, और रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि घटनास्थल पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी पूरी कर ली गई थी।
तुषार मेहता के आरोप
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सीआईएसएफ के साथ सहयोग नहीं कर रही है। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य ने पूरी सुविधा सीआईएसएफ को प्रदान की है। उन्होंने बताया कि किन स्कूलों और सरकारी फ्लैट्स में जवानों को रखा गया है।
प्रदर्शन और हड़ताल
कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि राज्य में हर जगह प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें 41 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है। सिब्बल ने कोर्ट से अनुरोध किया कि बॉडी चालान के दस्तावेजों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए समय दिया जाए।
इस केस में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ने ममता सरकार को थोड़ी राहत दी है, लेकिन कई सवालों के जवाब अभी भी बाकी हैं। राज्य सरकार और सीबीआई के बीच का टकराव जारी है, और इस मामले में आगे की सुनवाई महत्वपूर्ण होगी।