कोलकाता में हाल ही में एक महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने लोगों में गुस्सा और आक्रोश भर दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र के बदलापुर में दो नाबालिगों के यौन शोषण और अकोला में स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं ने इस गुस्से को और बढ़ा दिया।
देशभर में आम जनता ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए और दोषियों के खिलाफ़ सख़्त सज़ा की मांग की। इसी माहौल में एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट सामने आई है, जो इन घटनाओं पर एक और चिंताजनक तथ्य को उजागर करती है।
महिला उत्पीड़न के आरोपी 151 सांसद-विधायक
ADR की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 151 मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ़ महिलाओं के खिलाफ़ अपराध के मामले दर्ज हैं। इस 300 पन्नों की रिपोर्ट में विस्तृत रूप से बताया गया है कि कितने सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ़ बलात्कार और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप हैं।
रिपोर्ट में क्या है शामिल?
इस रिपोर्ट के लिए ADR और नेशनल इलेक्शन वॉच ने संयुक्त रूप से देश के कुल 4,809 मौजूदा सांसदों और विधायकों में से 4,693 के चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफ़नामों का अध्ययन किया। इसमें 776 मौजूदा सांसदों में से 755 और 4,033 विधायकों में से 3,938 के हलफ़नामे शामिल किए गए।
किस प्रकार के अपराधों का है जिक्र?
रिपोर्ट में महिला उत्पीड़न के विभिन्न मामलों का उल्लेख किया गया है, जिसमें एसिड अटैक, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, महिला पर हमला, वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग़ लड़कियों की खरीद-बिक्री, दहेज हत्या, और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं।
इस रिपोर्ट ने देश की राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की ज़रूरत पर सवाल खड़े किए हैं और लोगों को अपने प्रतिनिधियों के चयन के प्रति अधिक सतर्क और जागरूक होने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।