मुख्य बिंदु: लखनऊ में एक कार सवार ने स्टंटबाजी के दौरान आइसक्रीम विक्रेता को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, जिससे कार्रवाई में देरी और आरोपियों को बचाने के प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं।
लोहिया पथ पर हादसा, सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
लखनऊ के लोहिया पथ पर मंगलवार देर रात एक कार सवार ने स्टंटबाजी के दौरान 28 वर्षीय आइसक्रीम विक्रेता राजेंद्र यादव को टक्कर मार दी। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि कार 1090 चौराहे से ही तेज रफ्तार में लहराते हुए आ रही थी। टक्कर के बाद कार डिवाइडर से टकरा गई, जिससे राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में एक ई-रिक्शा चालक भी घायल हो गया।
कार सवारों का सुराग अब तक नहीं
घटना के बाद भी पुलिस कार सवारों की पहचान नहीं कर पाई है। पुलिस का कहना है कि कार बीकेटी के नवी कोट नंदना निवासी विक्रांत की है, जो हादसे के बाद लखीमपुर भाग गया। विक्रांत ने बताया कि उसकी कार उसके दोस्त मनीष ने मांग कर ली थी, लेकिन पुलिस को इस कहानी पर शक है।
आरोपियों को बचाने का प्रयास?
पुलिस ने कार मालिक से फोन पर बात की, लेकिन अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस देरी से आरोपियों को बचाने के प्रयास का संदेह भी पैदा हो रहा है। पुलिस की लापरवाही और धीमी कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
हादसे से पहले पार्टी और शराब का सेवन
सूत्रों के मुताबिक, कार सवारों ने उस रात गोमतीनगर में पार्टी की थी और शराब का सेवन किया था। इसके बाद कार को तेज रफ्तार में चलाया गया, जिससे यह हादसा हुआ। पुलिस इस मामले में और जानकारी जुटाने में लगी है।
समान घटनाओं में अलग कार्रवाई
पिछले साल नवंबर में एएसपी के बेटे की जी-20 मार्ग पर हुई एक घटना में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था। इस घटना में भी आरोपियों के नशे में होने की आशंका है, लेकिन पुलिस ने अभी तक सिर्फ मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है।
निष्कर्ष: लखनऊ में हुए इस हादसे में पुलिस की धीमी कार्रवाई से सवाल उठ रहे हैं। दोषियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कहीं आरोपियों को बचाने की कोशिश तो नहीं की जा रही। जनता और पीड़ित परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए तेज और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।