महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने तय किया है कि वे मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए बिना ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि एमवीए चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करेगा।
संजय राउत का बयान
संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ेगा। गठबंधन बहुमत हासिल करेगा और जीत के बाद मुख्यमंत्री का फैसला किया जाएगा।”
शरद पवार का समर्थन
एनसीपी (एससीपी) के प्रमुख शरद पवार ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा, “महाविकास अघाड़ी की ओर से मुख्यमंत्री पद के नाम की घोषणा की कोई आवश्यकता नहीं है। गठबंधन सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।”
उद्धव ठाकरे का रुख
इससे पहले, 16 अगस्त को मुंबई में महाविकास अघाड़ी की बैठक के दौरान शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था, “हम उस गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहते जहां ‘जिसकी संख्या ज़्यादा, उसका मुख्यमंत्री’ की नीति के कारण लोग एक दूसरे की सीट कम करने की कोशिश करें।”
चुनावी तैयारियां तेज़
महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और संभावना है कि राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के अपेक्षित प्रदर्शन न करने और कांग्रेस के अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन के बाद गठबंधन के भीतर सीएम चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
ऐसे में महाविकास अघाड़ी का बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ने का फैसला राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।