कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि उनके बयान को लेकर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में गलतफहमी फैलाई जा रही है। उन्होंने साफ किया कि उन्होंने छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ कुछ नहीं कहा है और उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हैं।
ममता बनर्जी का बयान
ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा, “मैंने कभी भी (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। उनका आंदोलन सच्चा है और मैं पूरी तरह से उनके साथ हूं। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।”
बीजेपी पर लगाया आरोप
ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका बयान भाजपा के खिलाफ था। उन्होंने कहा, “मैंने भाजपा के खिलाफ बोला है क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।”
ममता बनर्जी का छात्र रैली में बयान
बुधवार को ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के स्थापना दिवस रैली में कहा था कि अगर भाजपा बंगाल में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करती है, तो इसका असर दूसरे राज्यों में भी होगा। उन्होंने कहा, “अगर आप बंगाल जलाएंगे तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे।”
भाजपा का पलटवार
ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा ने कड़ा पलटवार किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, “दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता।”
राजनीतिक हलचल तेज
ममता बनर्जी के इस बयान के बाद राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। एक ओर ममता बनर्जी ने अपने बयान की सफाई दी है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इसे राज्य में विभाजनकारी राजनीति का उदाहरण बताया है। चुनावी माहौल में इस बयान ने दोनों दलों के बीच टकराव को और बढ़ा दिया है।