श्रीनगर: पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने घोषणा की है कि वह आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, हालांकि उनकी पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी। महबूबा मुफ्ती का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश के मौजूदा हालात में वह मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपनी पार्टी के एजेंडे को पूरा नहीं कर पाएंगी।
महबूबा मुफ्ती ने अपने फैसले के बारे में कहा, “मैं बीजेपी के साथ सरकार की मुख्यमंत्री रही हूँ, जिसने 2016 में 12,000 लोगों के खिलाफ़ एफआईआर वापस ली थी। क्या हम अब ऐसा कर सकते हैं? मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर अलगाववादियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखा था। क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं? मैंने ज़मीनी स्तर पर संघर्ष विराम करवाया था। क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं?”
उन्होंने यह भी कहा, “अगर आप मुख्यमंत्री के तौर पर एफआईआर वापस नहीं ले सकते तो ऐसे पद पर कोई क्या कर सकता है?”
इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बने रहने तक चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब उन्होंने अपना फैसला बदलते हुए गांदरबल से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होंगे चुनाव
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को और तीसरे व आखिरी चरण का मतदान 1 अक्तूबर को होगा। चुनाव के नतीजे 4 अक्तूबर को जारी किए जाएंगे।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक परिदृश्य लगातार बदल रहा है। जहां एक ओर महबूबा मुफ्ती ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, वहीं उमर अब्दुल्ला ने अपना निर्णय बदलकर चुनाव में उतरने का ऐलान किया है। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे क्या रंग लाते हैं।