देश में मंकीपॉक्स के पहले मामले के बाद पूर्वांचल का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर आ गया है। AIIMS गोरखपुर और BRD मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध मरीजों की कड़ी जांच और निगरानी शुरू कर दी गई है। सभी संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर उन्हें दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) भेजा जा रहा है, ताकि तुरंत परिणाम मिल सकें।
सरकार की एडवाइजरी और विशेष तैयारी
मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। BRD मेडिकल कॉलेज और AIIMS गोरखपुर में विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो हर संदिग्ध मामले की गहन जांच करेंगी। हालांकि, टेस्ट के लिए सैंपल्स लखनऊ या दिल्ली भेजे जाएंगे ताकि परिणाम में कोई देरी न हो।
अफ्रीकी और अरब देशों में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और पाकिस्तान में भी इसके फैलने की खबर है। ऐसे में इन देशों से लौटने वाले पूर्वांचल के लोगों के कारण यहां संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। एयरपोर्ट्स पर आने वाले प्रवासियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सख्त जांच प्रक्रिया और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
BRD मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि मंकीपॉक्स की जांच की सुविधा फिलहाल सीमित संस्थानों में उपलब्ध है। किसी भी संदिग्ध मरीज का सैंपल तुरंत लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी या दिल्ली स्थित NCDC भेजा जा रहा है।
AIIMS गोरखपुर के मीडिया प्रभारी डॉ. अरूप मोहंती ने भी बताया कि संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच और कंफर्मेशन के लिए NCDC भेजा जाएगा, जिसने देश में पहले मंकीपॉक्स केस की पुष्टि की थी।
अब, पूर्वांचल में स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी और सरकार की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि इस गंभीर बीमारी पर काबू पाया जा सकेगा। लेकिन इस वक्त सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।