गोरखपुर नगर निगम ने अपनी दुकानों के किराए में बढ़ोतरी कर दी है, जो निगम सदन की बैठक में लिए गए फैसले के आधार पर लागू होगी। अब निगम जल्द ही दुकानों का सत्यापन शुरू करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन लोगों को दुकानें आवंटित की गई थीं, वे अभी भी वही चला रहे हैं या नहीं। सत्यापन पूरा होने के बाद ही नई किराया दरें लागू होंगी।
नई दरें फिर भी बाजार से कम, निगम का दावा
निगम प्रशासन ने दावा किया है कि बढ़ा हुआ किराया बाजार भाव से कम रखा गया है। अधिकांश इलाकों में किराया अधिकतम 5000 रुपये प्रति माह तक तय किया गया है। निगम की 2077 दुकानों का किराया पिछले 25 वर्षों से नियमित रूप से बढ़ाया जा रहा है, लेकिन अब तक यह बाजार दरों से काफी कम रहा है।
शहर के प्रमुख बाजारों में स्थित निगम की दुकानों का वर्तमान किराया 130 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक है, जो गोलघर और मोहद्दीपुर जैसे बड़े बाजारों में भी निजी दुकानों की तुलना में बहुत कम है।
आवंटियों की मनमानी पर लगेगी रोक
निगम की दुकानों के कम किराए का फायदा उठाकर कई आवंटी उन्हें अधिक किराए पर दूसरों को देकर मुनाफा कमा रहे थे। इस वजह से निगम को भारी नुकसान हो रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए, दो महीने पहले बोर्ड की बैठक में किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया था। अब सत्यापन प्रक्रिया के बाद यह नई दरें लागू की जाएंगी, जिससे आवंटियों की मनमानी पर रोक लग सकेगी और निगम की आय में भी बढ़ोतरी होगी।