गोरखपुर नगर निगम ने वायु प्रदूषण के खिलाफ अपनी रणनीति को और मजबूती देने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में चौथा स्थान प्राप्त करने के बाद अब नगर निगम का फोकस अगले लक्ष्य पर है। इसी क्रम में मंगलवार को नगर निगम, डब्ल्यूआरआई इंडिया के साथ मिलकर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करेगा, जिसका विषय है ‘निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण के उपाय’। इस कार्यशाला में प्रमुख निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है ताकि शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
प्रमुख निर्माण एजेंसियों की भागीदारी: स्वच्छ निर्माण की दिशा में चर्चा
इस कार्यशाला में गोरखपुर विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जल निगम, आईएस बिल्डर और डेवलपर्स जैसी प्रतिष्ठित एजेंसियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। चर्चा का केंद्र बिंदु निर्माण स्थलों से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण और उसके समाधान पर होगा। निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट (C&D वेस्ट) के उचित प्रबंधन और प्रदूषण रोकने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
स्वच्छ निर्माण तकनीकों पर जोर: नगर निगम का कदम
गोरखपुर नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए स्वच्छ निर्माण तकनीकों को प्रोत्साहित करना है। इस दिशा में निर्माण क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण और स्वच्छ निर्माण प्रथाओं की चुनौतियों पर भी गहराई से चर्चा होगी। यह पहल गोरखपुर की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में आगे बढ़ने के लिए अहम साबित होगी।
महेसरा में सीएंडडी वेस्ट प्लांट: अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में मजबूत कदम
नगर निगम ने महेसरा में 50 टन क्षमता वाले C&D वेस्ट प्लांट का निर्माण पूरा कर लिया है, जिससे निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन को एक नई दिशा मिल रही है। इस वर्कशॉप के माध्यम से नगर निगम का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी रखते हुए वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में गोरखपुर को शीर्ष स्थान पर लाना है।
इस पहल के साथ गोरखपुर नगर निगम ने वायु प्रदूषण के खिलाफ अपने प्रयासों को और सशक्त किया है, जिससे शहर में स्वच्छ पर्यावरण और बेहतर हवा की गारंटी मिल सकेगी।