गोरखपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT) ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्रदान किया गया है। यह मान्यता UGC एक्ट की धारा 3 के तहत दी गई है, जो संस्थान की शैक्षणिक और शोध क्षमताओं को और सशक्त बनाएगी।
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद, NIELIT गोरखपुर अब देशभर के 11 प्रमुख संस्थानों के साथ साझेदारी करेगा। इस नए दर्जे के साथ, 2024-25 सत्र से M.Tech, B.Tech, मशीन लर्निंग, और अन्य आधुनिक डिप्लोमा कोर्सेस की पेशकश की जाएगी, जिससे स्टूडेंट्स को नई और अत्याधुनिक शिक्षा प्राप्त होगी।
NIELIT की नई शुरुआत
संस्थान के निदेशक, डॉ. धर्मेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार, NIELIT रोपड़ डीम्ड यूनिवर्सिटी का मुख्य केंद्र है, और इसके तहत आइजोल, अगरतला, औरंगाबाद, कालीकट, गोरखपुर, इंफाल, ईटानगर, केकरी, कोहिमा, पटना और श्रीनगर में कुल 11 इकाइयाँ संचालित हैं। उन्होंने कहा कि डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद, NIELIT न केवल शैक्षणिक योग्यता प्रदान करेगा, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान और नई औद्योगिक साझेदारियों के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डीम्ड यूनिवर्सिटी: एक परिचय
डीम्ड यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्थान होता है जिसे शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। इसे अपने कोर्स, प्रवेश प्रक्रिया और फीस संरचना को स्वयं तय करने की स्वतंत्रता प्राप्त होती है, जो इसे नवीन और प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाती है।
गोरखपुर NIELIT का गौरवमयी सफर
NIELIT गोरखपुर की शुरुआत 1989 में ‘सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया’ (सीटीडीटीआइ) के रूप में हुई थी, जिसे 2016 में NIELIT के नाम से जाना गया। वर्तमान में यहाँ 80 से अधिक शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कोर्सेस संचालित होते हैं, और डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद यह संख्या 100 से अधिक हो जाएगी।
एक नई दिशा की ओर
इस परिवर्तन के बाद, NIELIT गोरखपुर केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं बल्कि तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में प्रवेश का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। यह विशेष रूप से उन स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा जो तकनीकी शिक्षा में रुचि रखते हैं और भारत के डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया अभियानों में योगदान देना चाहते हैं।