पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी नीतेश कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता है। सोमवार को हुए मेंस सिंगल्स एसएल3 कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में नीतेश ने ब्रिटेन के बेथेल डैनियल को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
नीतेश कुमार: एक परिचय
नीतेश कुमार का जन्म 30 दिसंबर 1994 को हरियाणा के चरखी दादरी में हुआ। वे वर्तमान में पुरुष एकल एसएल3 कैटेगरी में विश्व नंबर एक खिलाड़ी हैं। नीतेश ने अपनी स्कूली पढ़ाई के बाद आईआईटी मंडी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। बचपन में फुटबॉल खेलने वाले नीतेश के जीवन में बड़ा मोड़ 2009 में आया, जब विशाखापट्टनम में एक कार एक्सीडेंट में उनका पैर स्थायी रूप से विकलांग हो गया।
कठिनाइयों से भरे सफर में नहीं मानी हार
अपनी विकलांगता के बावजूद नीतेश ने हार नहीं मानी और बैडमिंटन को अपने करियर के रूप में चुना। 2016 में उन्होंने फरीदाबाद में हुए पैरा नेशनल गेम्स में हरियाणा की ओर से खेलते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद, 2017 में बेंगलुरु में हुए इवेंट में मेंस सिंगल्स में सिल्वर और डबल्स इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।
नीतेश कुमार की प्रमुख उपलब्धियां
- एशियन पैरा गेम्स 2022: गोल्ड (मेंस डबल्स), सिल्वर (मेंस सिंगल्स), ब्रॉन्ज (मिक्स्ड डबल्स)
- एशियन पैरा गेम्स 2018: ब्रॉन्ज (मेंस डबल्स)
- वर्ल्ड चैंपियनशिप 2024: ब्रॉन्ज (मेंस सिंगल्स)
- वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022: सिल्वर (मेंस सिंगल्स)
- वर्ल्ड चैंपियनशिप 2019: सिल्वर (मेंस डबल्स)
नीतेश की सफलता की कहानी
नीतेश कुमार ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से साबित कर दिया है कि कोई भी शारीरिक चुनौती उनके लक्ष्य को पाने में बाधा नहीं बन सकती। पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर उन्होंने न केवल भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि असंभव कुछ भी नहीं है।
नीतेश की इस शानदार उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है, और वे आने वाले वर्षों में भी अपनी प्रतिभा से भारत का नाम ऊँचा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।