पेरिस:
साल 2024 के पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 28 अगस्त से पेरिस में होगी और इन खेलों का समापन 8 सितंबर को होगा। इस बार के पैरालंपिक खेलों में 22 विभिन्न प्रतियोगिताओं में 4,000 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें ब्लाइंड फुटबॉल, पैरा तीरंदाजी, पैरा एथलेटिक्स, पैरा साइक्लिंग, पैरा पावरलिफ्टिंग, और पैरा तैराकी शामिल हैं।
गोल्ड मेडल की होड़
इस साल कुल 549 गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला होगा। पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल किए गए कई स्थानों पर भी पैरालंपिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। पहले दिन, 29 अगस्त को 22 गोल्ड मेडल का फैसला होगा।
भारत की बड़ी टीम
भारत इस बार पैरालंपिक खेलों में अपनी अब तक की सबसे बड़ी टीम भेज रहा है, जिसमें 84 पैरालंपियन शामिल हैं। टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भारत ने 54 एथलीट भेजे थे। इस बार भारत तीन नए खेलों—पैरा साइक्लिंग, पैरा रोइंग, और ब्लाइंड जूडो—में भी भाग लेगा, जिससे भारत 12 खेलों में शामिल होगा।
टोक्यो 2020 की सफलता
टोक्यो 2020 में भारत ने 19 मेडल जीते थे, जो अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। भारत ने 5 गोल्ड, 8 सिल्वर, और 6 ब्रॉन्ज़ मेडल जीते थे और पदक तालिका में 24वें स्थान पर रहा था। चीन ने 96 गोल्ड और कुल 207 मेडल के साथ पहले स्थान पर रही थी, जबकि ब्रिटेन दूसरे स्थान पर रहा।
हालिया प्रदर्शन और उम्मीदें
2023 के एशियन पैरा गेम्स में भारत ने रिकॉर्ड 111 मेडल जीते थे, जिससे पेरिस पैरालंपिक में बड़ी उम्मीदें हैं। भारत ने पैरालंपिक खेलों में अपना पहला पदक 1972 के हाईडेलबर्ग खेलों में जीता था, जो गोल्ड था।
प्रमुख भारतीय खिलाड़ी
अवनि लेखरा:
टोक्यो 2020 में गोल्ड मेडल जीतने वाली अवनि लेखरा पेरिस 2024 में भी अपनी चुनौती पेश करेंगी। 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग इवेंट में गोल्ड जीतने वाली अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों की पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने गोल्ड मेडल जीता।
सुमित अंतिल:
टोक्यो पैरालंपिक में जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीतने वाले सुमित अंतिल इस बार भी अपने खिताब की रक्षा करेंगे। सुमित 2023 विश्व चैंपियनशिप और एशियन पैरा गेम्स में भी गोल्ड जीत चुके हैं।
कृष्णा नागर:
बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले कृष्णा नागर इस बार भी पदक के प्रबल दावेदार हैं।
भाग्यश्री जाधव:
एशियन पैरा गेम्स और पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली भाग्यश्री जाधव इस बार भी भारत की उम्मीदों पर खरी उतरने की कोशिश करेंगी।
सुहास यतिराज:
बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास यतिराज पेरिस में मेन्स सिंगल्स और मिक्स्ड डबल्स में भाग लेंगे।
पैरालंपिक खेलों का इतिहास
पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में रोम में हुई थी, लेकिन इन खेलों की बुनियाद 1948 में ब्रिटेन में रखी गई थी, जब लुडविग गुटमैन ने रीढ़ की हड्डी की चोटों से पीड़ित लोगों के लिए खेलों का आयोजन शुरू किया था।
कोविड-19 के कारण टोक्यो पैरालंपिक 2020 का आयोजन 2021 में हुआ था, जिसमें 162 देशों ने भाग लिया था।
भारत के खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण से पेरिस पैरालंपिक में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।