संक्षिप्त विवरण:
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनके साथ तीन अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो ठेकेदार और एक बॉडीगार्ड शामिल हैं। इस गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां टीएमसी और बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी जारी है।
कोलकाता: सोमवार शाम कोलकाता पुलिस के मुख्यालय के पास बीबी गांगुली स्ट्रीट पर जूनियर डॉक्टरों का समूह प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान खबर आई कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। घोष पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं।
गिरफ्तारी की वजह
सीबीआई ने संदीप घोष के अलावा तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें अस्पताल के ठेकेदार बिप्लब सिंघा, सुमन हाज़रा और घोष के बॉडीगार्ड अफसर अली खान शामिल हैं। सीबीआई पिछले 15 दिनों से इन लोगों से पूछताछ कर रही थी और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के चलते यह कार्रवाई की गई।
पृष्ठभूमि: घोटाले और विरोध प्रदर्शन
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस घटना के बाद दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे – एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या का और दूसरा अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं का।
इस मामले में अख्तर अली नामक पूर्व उप अधीक्षक ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका दावा है कि वे पिछले एक साल से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार को शिकायत कर रहे थे। उनकी शिकायत पर राज्य सतर्कता विभाग ने भी जांच की थी, जिसमें संदीप घोष दोषी पाए गए थे।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी के अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए लोग तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। दूसरी तरफ, टीएमसी ने सीबीआई की कार्रवाई को पक्षपाती बताया है।
टीएमसी के प्रवक्ता तौसीफ रहमान का कहना है कि सीबीआई ने संदीप घोष को सिर्फ भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है, न कि हत्या के मामले में। उनका कहना है कि राज्य सरकार पहले ही संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा चुकी थी।
सीबीआई की आगे की कार्रवाई
सीबीआई ने गिरफ्तार किए गए चारों लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है और आगे की जांच जारी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी जल्द सुनवाई होनी है, जहां सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट जमा करनी होगी।
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें बीजेपी और टीएमसी के बीच तकरार जारी है।