विस्तार:
कानपुर-झांसी रूट पर पनकी में हुए साबरमती एक्सप्रेस के डिरेलमेंट की जांच अब एंटी टेररिस्ट स्क्वॉएड (ATS) ने भी तेज कर दी है। ATS, रेलवे की चूक और साजिश के एंगल की जांच के लिए घटनास्थल के 5 किलोमीटर के दायरे का मोबाइल डाटा डंप और CCTV फुटेज खंगाल रही है। जांच के दौरान ATS यह स्पष्ट करना चाहती है कि कहीं यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं है, या फिर यह मात्र एक दुर्घटना है।
स्थानीय लोगों से पूछताछ:
ATS की टीम ने घटनास्थल के आसपास के गांवों में जाकर लोगों से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की कि हादसे के दौरान किसी ने कोई संदिग्ध गतिविधि देखी थी या नहीं। इसके साथ ही, स्थानीय पुलिस और रेलवे के कुछ अधिकारियों से भी चर्चा की गई, ताकि दुर्घटना के समय की सटीक परिस्थितियों को समझा जा सके। सूत्रों का कहना है कि डंप डाटा और CCTV फुटेज की जांच से इस घटना के पीछे की असली वजह को उजागर करने में मदद मिल सकती है।
रेलवे अधिकारियों से पूछताछ:
ATS ने बताया कि मामले में आगे की जांच के लिए रेल अधिकारियों, ट्रेन के चालक, परिचालक और गार्ड से भी पूछताछ की जाएगी। यह देखा जाएगा कि कहीं इस तरह की घटनाओं में कोई समान पैटर्न तो नहीं है। साथ ही, देशभर में हुई इसी तरह की घटनाओं की जांच रिपोर्ट्स का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि किसी साजिश की संभावना को पूरी तरह से खारिज किया जा सके।
एसएजी की टीम भी जांच में जुटी:
रेलवे के सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (SAG) अफसरों की पांच सदस्यीय कमेटी भी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। टीम में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल के वरिष्ठ अधिकारी और आरपीएफ के डीआईजी को शामिल किया गया है। इन अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पटरी के टुकड़ों की जांच की। SAG की टीम ने पाया कि बोल्डर के कारण 120 टन वजनी ट्रेन का कैटल गार्ड भी टूट गया, जो गंभीर चिंता का विषय है। टीम इस बात की जांच कर रही है कि पटरी का टुकड़ा ट्रैक तक कैसे पहुंचा और क्या इसे ट्रैक पर क्लैंप से बांधा गया था।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष:
शुरुआती जांच में यह भी देखा जा रहा है कि आखिरकार पटरी किस प्रकार से रखी गई थी, जिससे ट्रेन का कैटल गार्ड तक टूट गया। टीम के चेयरमैन प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर हैं, जो अपने-अपने विभागों की रिपोर्ट लेकर उसका गहराई से अध्ययन कर रहे हैं। SAG के सदस्यों ने रविवार और सोमवार को अपने-अपने विभागों से रिपोर्ट्स लेकर उसका अध्ययन किया और घटना के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास किया।
हादसे की जानकारी:
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस शुक्रवार देर रात पनकी क्षेत्र में बोल्डर से टकराकर पटरी से उतर गई। यह घटना गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच हुई। राहत की बात यह रही कि सभी 22 बोगियों के डिरेल होने के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ। कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आईं। हादसे के बाद ट्रैक बाधित हो गया और इसे सही करने में करीब पांच घंटे का समय लगा। इस दौरान अन्य ट्रेनों को धीमी गति से गुजारा गया।
साजिश की आशंका:
घटनास्थल पर पटरी का एक हिस्सा मिला है, जिससे साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। रेलवे, इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB), और आरपीएफ की टीमें इस दिशा में गहराई से जांच कर रही हैं। ATS और अन्य जांच एजेंसियां इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं है।
घटना के समय की स्थिति:
लोको पायलट के अनुसार, ट्रेन लगभग 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। रात के करीब ढाई बजे, अचानक इंजन से कोई वस्तु टकराने और रगड़ने की तेज आवाज हुई। इंजन और बोगियां लहराईं, जिस पर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी। ट्रेन पहले ही पटरी से उतर चुकी थी, और ब्रेक लगाने से ट्रेन लगभग 450 मीटर की दूरी पर जाकर रुकी। इस अचानक ब्रेक से एलएचबी कोच में सो रहे यात्रियों को तेज झटका लगा और कई यात्री नीचे गिर गए।
तत्काल सहायता और जांच:
ट्रेन के सीआईटी और चेकिंग दल ने हादसे की सूचना कंट्रोल को दी। इसके बाद पनकी थाने, आरपीएफ, जीआरपी, और अन्य रेलवे अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। फायरब्रिगेड के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुष्पक, गरीब रथ, बरौनी समेत अन्य ट्रनों को कॉशन देकर गुजारा गया। पुलिस कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और मिले साक्ष्यों की जांच शुरू की।
सुरक्षा के उपाय:
मौके पर मिले पटरी के टुकड़े की जांच शुरू कर दी गई है और ट्रैक को ठीक करने का काम तेजी से किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।