पिछले एक साल में जोरदार तेजी के बाद अब निवेशक शिपिंग, डिफेंस और रेलवे स्टॉक्स में मुनाफावसूली की ओर बढ़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले शेयर मार्केट में इन क्षेत्रों के पीएसयू स्टॉक्स की धूम रही, लेकिन चुनाव परिणाम और यूनियन बजट के बाद से इनमें गिरावट का दौर जारी है।
आइए जानते हैं शिपिंग, डिफेंस और रेलवे स्टॉक्स में आई गिरावट के 5 प्रमुख कारण:
1. पॉज़िटिव फैक्टर पहले ही प्राइस में शामिल हो चुके हैं:
पिछले एक-दो वर्षों में इन स्टॉक्स में अधिकांश सकारात्मक कारक पहले ही प्राइस में आ चुके थे। उदाहरण के लिए, डिफेंस पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के शेयर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से 35% तक गिर चुके हैं। बीईएमएल और कोचीन शिपयार्ड के शेयर भी लगभग 30% तक की गिरावट का सामना कर चुके हैं। रेलवे का प्रिय स्टॉक इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) भी अपने उच्चतम स्तर से 20% से अधिक की छूट पर कारोबार कर रहा है।
2. कमजोर तिमाही परिणाम:
वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े डिफेंस और रेलवे कंपनियों के लिए थोड़े निराशाजनक साबित हुए हैं। 17 डिफेंस कंपनियों में से लगभग 50% ने कमजोर आंकड़े पेश किए हैं, वहीं रेलवे सेक्टर में 5 में से 4 कंपनियों के परिणाम अनुमान से कम रहे हैं।
3. प्रोजेक्ट एक्सिक्यूशन में देरी:
इन कंपनियों के लिए प्रोजेक्ट एक्सिक्यूशन एक और बड़ी चुनौती है। कई पीएसयू के पास बड़े ऑर्डर हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने में लंबा समय लग रहा है। इसके अलावा, कुछ पीएसयू में अब भी पुराने सिस्टम का प्रभुत्व है, जो प्रोजेक्ट्स के समय पर पूरा होने में रुकावट डालता है।
4. उच्च मूल्यांकन (High Valuation):
रेलवे और डिफेंस सेक्टर के कई स्टॉक्स में उच्च मूल्यांकन चिंता का कारण बना हुआ है। इनका FY26 PE अनुपात पिछले दो वर्षों के औसत अनुपात से काफी आगे बढ़ चुका है। उदाहरण के लिए, HAL का वर्तमान PE अनुपात 38x है, जबकि इसका दो साल का औसत PE अनुपात 27x के आसपास था। इसी प्रकार, कोचीन शिपयार्ड 55x पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसका दो साल का औसत 21x था। BEML और BEL भी इसी स्थिति में हैं, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय है।
5. अर्निंग में गिरावट का जोखिम:
पीएसयू की संभावित आय में गिरावट का जोखिम भी स्टॉक्स पर दबाव डाल रहा है। कई घरेलू ब्रोकरेज पहले ही अधिकांश डिफेंस स्टॉक्स पर सेल रेटिंग जारी कर चुके हैं। उदाहरण के लिए, यूबीएस ने बीईएल को ‘बाय’ से ‘न्यूट्रल’ में डाउनग्रेड कर दिया है, क्योंकि उनका मानना है कि स्टॉक की मिड टर्म वृद्धि क्षमता पहले ही प्राइस में शामिल हो चुकी है।
निष्कर्ष:
इन सभी कारकों के चलते निवेशकों में शिपिंग, डिफेंस और रेलवे स्टॉक्स को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। इन सेक्टर्स में निवेश से पहले मौजूदा बाजार स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण हो गया है।