सरकारी विद्यालयों को लेकर लोगों की अलग धारणाएं बनी हुई हैं। सरकारी स्कूलों की छवि सुधार के लिए सरकार भी काफी काम कर रही है। लगातार नए प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे हर वर्ग के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा मिल पाए। यहां कुछ स्कूल ऐसे भी जहां प्रवेश के लिए मारामारी भी रहती है। ये भारत के टॉप सरकारी स्कूलों में से एक है। यहां शिक्षा का स्तर, परिणाम प्रतिशत काफी बेहतर है। जो किसी भी निजी स्कूल को टक्कर दे सकता है।
केंद्रीय विद्यालय, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस दिल्ली और सैनिक स्कूल देश के अच्छे सरकारी स्कूलों की सूची में टॉप पर आते हैं। अभिभावक अपने बच्चों के प्रवेश के लिए काफी मशक्कत भी करते हैं। कई स्कूलों में प्रवेश के लिए लॉटरी प्रक्रिया तो कही प्रवेश परीक्षा होती है। खास बात तो ये है कि इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए अभिभावकों को भारी भरकम फीस नहीं भरनी पड़ती।
केंद्रीय विद्यालय
पूरे देश में कुल 1250 केंद्रीय विद्यालय संगठन के संचालित हैं। इनकी ब्रांच विदेश में भी हैं, काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में भी केंद्रीय विद्यालय का संचालन भारत सरकार के केंद्रीय विद्यालय संगठन के जरिए किया जाता है। बता दें कि ये देश में सर्वाधिक ब्रांच वाला स्कूल है। इस स्कूल में कक्षा एक में लॉटरी के जरिए प्रवेश मिलता है। इसके हर स्कूल की एक कक्षा में बच्चों की संख्या समान होती है, यहां तक कि प्रतिदिन हर स्कूल में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम भी समान ही होता है। केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा का तरीका अलग ही है।
जवाहर नवोदय विद्यालय
नवोदय विद्यालय संगठन जवाहर नवोदय विद्यालय का संचालन करता है। JNV आवासीय और को-एजुकेशन स्कूल हैं। ये विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक शिक्षा दी जाती है। खास बात यह है कि कक्षा 6 से 8 तक के लिए इन स्कूलों में कोई फीस नहीं भरनी पड़ती है। हालांकि कक्षा 9 से 600 रुपये प्रति माह का शुल्क देना पड़ता है। जेएनवी तमिलनाडु के अलावा पूरे देश में मौजूद हैं। इसमें प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है। उसके आधार पर ही इस विद्यालय में प्रवेश मिलता है।
राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय
दिल्ली शिक्षा निदेशालय (दिल्ली सरकार) द्वारा संचालित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय। जिसका 2021-22 में नाम बदलकर SoSE (स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस) कर दिया गया था। राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, दिल्ली में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है। प्रवेश परीक्षा 6वीं, 11वीं में प्रवेश के लिए होती है। हालांकि कोरोना काल में प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी। उस समय सीबीएसई 10वीं की मेरिट के आधार पर 11वीं में प्रवेश दिया था।
सैनिक स्कूल
सैनिक स्कूल सोसाइटी ने रक्षा मंत्रालय (MoD) के तहत सैनिक स्कूल स्थापित किए गए। 1961 में भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्णा मेनन ने की। सैनिक स्कूल में हर साल गिनती के टॉप स्टूडेंट्स को प्रवेश मिलता है। बता दें कि पहले यहां सिर्फ लड़कों को प्रवेश दिया जाता था लेकिन 2021 -2022 से लड़कियों को भी सैनिक स्कूल क्लास 6 में प्रवेश दिया जाने लगा। सैनिक स्कूल कक्षा-6 में प्रवेश खाली सीटों पर निर्भर करता है।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, दिल्ली
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत दिल्ली सरकार ने की है। दिल्ली एक्सीलेंस स्कूल को एजुकेशनल, इंग्लिश मीडियम हैं। इस टॉप सरकारी स्कूल में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। दिल्ली के सरकारी स्कूल में स्टूडेंट्स की योग्यता के आधार पर प्रवेश मिलता है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में प्रवेश से जुड़ी हर डिटेल चेक करने के लिए दिल्ली शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट edudel.nic.in पर विस्तृत जानकारी मिल जाएगी।