लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी 10 से 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और यूपी से बाहर भी विस्तार की योजना बना रही है। विशेष रूप से जम्मू कश्मीर और हरियाणा में पार्टी अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है।
रालोद की रणनीति और प्रमुख मुद्दे
रालोद, जो एनडीए गठबंधन में केंद्रीय और प्रदेश मंत्रिमंडल का हिस्सा है, ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन से बाहर रहते हुए अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि वह अन्य राज्यों में भी संगठन का विस्तार करेगी। इस फैसले के तहत, रालोद जम्मू कश्मीर में 10 से 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने बताया कि जम्मू में चुनावी तैयारी जोरों पर है। पार्टी ने रैलियों और सभाओं का आयोजन किया है और प्रत्याशियों की सूची पर विचार कर रही है। जल्द ही पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी और प्रचार-प्रसार में जुट जाएगी।
प्रमुख मुद्दे
रालोद का प्रमुख मुद्दा किसानों, गरीबों और मजदूरों का विकास रहेगा। त्रिलोक त्यागी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की विचारधारा के अनुसार, पार्टी का लक्ष्य क्षेत्रीय विकास और लोगों की भलाई है। जम्मू कश्मीर में बागवानी, फल-फूल और मेवे की खेती होती है, लेकिन इससे जुड़ी इंडस्ट्री के अभाव में स्थानीय लोगों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। रालोद इस स्थिति को सुधारने की कोशिश करेगी।
पार्टी का विस्तार
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने कहा कि रालोद केवल जम्मू कश्मीर में ही नहीं, बल्कि हरियाणा, महाराष्ट्र, और झारखंड में भी कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी विभिन्न राज्यों में संगठन को मजबूत करने और चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है।
रालोद की इस नई रणनीति से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है, और यह देखने योग्य होगा कि पार्टी कितनी सफल होती है और चुनावी मैदान में क्या परिणाम सामने आते हैं।