हाल ही में निलंबित किए गए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर जोन्नादा राव ने बुधवार देर रात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कार्यालय में जमकर हंगामा किया। प्रोफेसर राव ने कुलपति पद के साक्षात्कार के लिए ‘क्लीन चिट’ के साथ NOC की मांग करते हुए धरना दिया, जो देर रात तक चलता रहा। इस दौरान कैंट थाना के सीओ से भी उनकी तीखी बहस हुई। रात सवा 11 बजे सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें परिसर से जबरन बाहर निकाला गया।
NOC पर टकराव: क्या है मामला?
प्रो. जोन्नादा राव पिछले कई दिनों से विश्वविद्यालय प्रशासन से NOC की मांग कर रहे थे ताकि वे कुलपति पद के साक्षात्कार में भाग ले सकें। बुधवार को रजिस्ट्रार द्वारा उन्हें एक पत्र सौंपा गया, जिसमें NOC के साथ उनकी पिछली कार्रवाई का भी जिक्र था। इस पर प्रोफेसर राव भड़क उठे और उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए तुरंत धरना शुरू कर दिया। रजिस्ट्रार ने उन्हें अगले दिन कुलपति से मिलने की सलाह दी, लेकिन प्रो. राव ने इसे अनदेखा कर रातभर धरना देने का फैसला किया।
सुरक्षाकर्मियों और पुलिस से बहस के बाद परिसर से निकाला गया
रात करीब साढ़े 10 बजे सीओ योगेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की। इसी दौरान रजिस्ट्रार भी पहुंचे और कुलाधिपति को इस घटना की जानकारी दी। जब सीओ ने प्रो. राव को कार्यालय छोड़ने का आदेश दिया, तो प्रोफेसर उनसे उलझ गए। आखिरकार, सुरक्षाकर्मियों ने रजिस्ट्रार के निर्देश पर प्रो. राव को परिसर से बाहर निकाला।
पहले भी कर चुके हैं हंगामा: वेतन कटौती पर बवाल
यह पहली बार नहीं है जब प्रो. राव ने विश्वविद्यालय में हंगामा किया हो। अगस्त में वेतन कटौती के चलते उन्होंने 2 सितंबर को बायोटेक्नोलॉजी विभाग में भी हंगामा किया था, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, उनकी मांगें पूरी होने पर दो दिन बाद उनका निलंबन रद्द कर दिया गया था। इससे पहले 2007 से 2010 तक वे बिना सूचना के विश्वविद्यालय से गायब रहे थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने वापसी की थी।
रजिस्ट्रार का बयान
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. शांतनु रस्तोगी ने बताया कि प्रो. राव को NOC के साथ उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का पत्र भी दिया गया था, जिससे नाराज होकर उन्होंने धरना दिया। काफी मशक्कत के बाद उन्हें देर रात कार्यालय से बाहर निकाला गया। उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई पर गुरुवार को कुलपति प्रो. पूनम टंडन निर्णय लेंगी।