केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा लेटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्ति के विज्ञापन को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि बताया है।
चिराग पासवान का बयान
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चिराग पासवान ने कहा, “केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों का सम्मान किया है। मैं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। यह निर्णय मिसाल कायम करता है, और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में सरकारें जनता की भावनाओं का ध्यान रखेंगी।”
विपक्ष पर चिराग पासवान का हमला
चिराग पासवान ने केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “विपक्ष हम पर उंगली उठाता है, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि तीन उंगलियां उनकी तरफ भी उठती हैं। जब वे सत्ता में थे, तो उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती क्यों नहीं सुनिश्चित की?”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी सरकार तो 10 साल से सत्ता में है, लेकिन फिर भी विपक्ष एनडीए की आलोचना कर रहा है। पश्चिम बंगाल में हुए ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में भी विपक्ष चुप्पी साधे हुए है।”
लेटरल एंट्री विज्ञापन का रद्द होना
यूपीएससी ने मंगलवार को केंद्र सरकार के निर्देश पर लेटरल एंट्री से भर्ती के विज्ञापन को वापस ले लिया था। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की आलोचना के बीच यूपीएससी ने यह निर्णय लिया था, जिसे चिराग पासवान ने सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में प्रस्तुत किया।