फेडरल रिजर्व के फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था में संभावित उछाल
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की है, जिससे न केवल अमेरिकी बाजार बल्कि भारतीय बाजार पर भी इसका गहरा असर पड़ने की संभावना है। भारतीय निवेशकों को इससे फायदा हो सकता है, और रुपये की मजबूती भी देखने को मिल सकती है। इस फैसले का असर भारत के बैंकिंग, फाइनेंस, आईटी, और अन्य प्रमुख सेक्टर्स पर हो सकता है।
शेयर बाजार में उछाल की उम्मीद
फेडरल रिजर्व के इस बड़े फैसले से भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। बैंकिंग, फाइनेंस, आईटी, एफएमसीजी, और फार्मा जैसे सेक्टर्स के शेयरों को मजबूती मिलेगी। गोल्ड की कीमतों में भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनेगा।
रुपये की ताकत बढ़ने के आसार
ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी ट्रेजरी सिक्युरिटीज की यील्ड (रिटर्न) कम हो जाएगी, जिससे निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर आकर्षित होंगे। इससे विदेशी निवेशक अपनी मुद्रा को भारतीय रुपये में कन्वर्ट करेंगे, जिससे रुपये की वैल्यू में बढ़ोतरी होगी और डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हो सकता है।
आरबीआई की अगली बैठक पर नजर
अब भारतीय निवेशकों और बाजार की नजरें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर टिकी हैं, जो 7 से 9 अक्टूबर के बीच होगी। हालांकि, RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने पहले ही स्पष्ट किया था कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के आधार पर भारतीय ब्याज दरों में बदलाव करना जरूरी नहीं है, फिर भी इस बार रेपो रेट में बदलाव की संभावना बनी हुई है।
निष्कर्ष
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस फैसले से भारतीय शेयर बाजार और रुपये को फायदा मिल सकता है। विदेशी पूंजी का बढ़ता फ्लो और निवेशकों का बढ़ता रुझान भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है।