उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि राज्य में पुलिस विभाग में 60,000 नई भर्तियां की जाएंगी। इस भर्ती प्रक्रिया में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे, जिससे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह भर्ती रक्षाबंधन के बाद शुरू होगी और इसे पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाएगा।
इतिहास में पहली बार: 60,000 पुलिस भर्ती एक साथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक साथ 60,000 भर्तियां पहले कभी नहीं हुई हैं। यह भर्ती सीधे तौर पर की जाएगी, जिससे राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। हम 20 प्रतिशत पद बेटियों के लिए आरक्षित कर रहे हैं ताकि वे समाज में शोहदों का मुकाबला कर सकें और राज्य में कानून-व्यवस्था को और सशक्त बना सकें।”
चुनावी रणनीति: बेरोजगारी के मुद्दे पर बड़ा दांव
उत्तर प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह घोषणा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राज्य में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमला कर रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया है। ऐसे में इस भर्ती की घोषणा को योगी सरकार की ओर से चुनावी रणनीति के तहत एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है, जिससे विपक्ष के हमलों को कमजोर किया जा सके।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश: 69,000 शिक्षकों की भर्ती पर पुनर्विचार
इसके साथ ही, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69,000 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर भी बड़ा फैसला दिया है। न्यायालय ने जून 2020 में जारी चयन सूची और 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की सूची को रद्द कर दिया है। अदालत ने नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं, जिससे इस प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नई उम्मीदें जाग उठी हैं।
योगी सरकार की यह नई पहल राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। वहीं, आने वाले विधानसभा चुनावों में यह फैसला किस हद तक प्रभावी होगा, यह देखने वाली बात होगी।